विधायक सुभाष गांगोली ने दिया सरपंचों के धरने को समर्थन

एस• के• मित्तल 
सफीदों,        सफीदों के विधायक सुभाष गांगोली ने नगर के बीडीपीओ कार्यालय में चल रहे सरपंचों के धरने को अपना समर्थन दिया। विधायक सुभाष गांगोली ने सरपंचों के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सरपंचों के मांगों की सारी मांगों को जायज ठहराया। सरपंच एसोसिएशन सफीदों के अध्यक्ष निरवैल सिंह ने समर्थन देने के लिए विधायक सुभाष गांगोली का आभार व्यक्त किया।
वहीं सरपंचों ने अपने हाथों में पर काली पट्टी बांधकर रोष व्यक्त किया। अपने संबोधन में विधायक सुभाष गांगोली ने कहा कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार पंचायती राज के ढांचे को अपनी तानाशाही को हिला देना चाहती है। कांग्रेस शासन में सरपंचों को विस्तृत अधिकार दिए गए थे और अब यह मनोहर लाल सरकार उन अधिकारों को छिनने का काम कर रही है। बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि अभी नए-नए सरपंच बने ही थे और उन्होंने अपना चार्ज भी नहीं संभाला था कि सरकार ने बेशर्मी के साथ उनसे पावर छिन ली और पंचायती राज का सारा कार्य अफसरशाही को सौंप दिया।
इसके अलावा सरकार जनता द्वारा चुने गए सरपंचों को चोर बताया जा रहा है तथा उनके खिलाफ विभिन्न प्रकार की अन्य गलत टिप्पणियां की जा रही रही हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री सरपंचों को राईट-टू-रिकाल काननू की धमकियां दे रही है। इस राईट-टू-रिकाल कानून का विधानसभा में कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था। वर्तमान सरकार हर कार्य पोर्टल के जरिए करना चाहती है। अगर सारे ही कार्य पोर्टल से करवाने हैं तो प्रदेश में पंचायती राज चुनाव करवाने की क्या आवश्यकता थी।
उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार अपनी अशोभनीय टिप्पणी के लिए सरपंचों से माफी मांगे, अपने शब्दों को वापिस लें और इनकी सभी मांगों को तत्काल प्रभाव से माने ताकि प्रदेश में सौहार्द का वातावरण पैदा हो सके। सुभाष गांगोली ने साफ किया कि वे खुद व पूरी कांग्रेस पार्टी सरपंचों के साथ खड़ी है।

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