हिसार के सुल्तानपुर गांव में वीरवार सुबह करीब साढ़े सात बजे पूर्व सरपंच साधुराम की हत्या हुई और उसका बेटा सुखबीर घायल हुआ। पुलिस कार्रवाई के बाद स्वजन घायल व मृतक के शव को लेकर करीब 10 बजे सिविल अस्पताल पहुंचे। कुछ देर बाद उनका पीछा करते हुए आरोपित मंजीत भी बाइक अस्पताल आ पहुंचा।
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घायल अस्पताल में दाखिल, उसी पर नजर रखने आया था आरोपित
मृतक के स्वजनों ने आरोप लगाया कि मंजीत गवाह सुखबीर को भी मारना चाहता था, ताकि कोई गवाही न दे सके। क्योंकि वह अकेला गवाह बचा था। उसी के बयान दर्ज हुए है। मगर इससे पहले ही वह पहचान में आ गया। उसके पकड़ने को प्रयास किया, पर उस समय राजेश अकेला था। वह सभी बाद में उसके पास पहुंचे।
जाने से मारने के ही इरादे से आए थे, सुखबीर ने यूं बयां किया आंखों देखा हाल
अस्पताल में दाखिल घायल सुखबीर ने बताया कि पहले भी खेत में पानी लगाया है और वह भी पानी उधार लेता-देता था। उनका सुबह 7.07 बजे पानी काटने का समय था। वह और उसका पिता साधुराम भी रोजाना की तरह समय पर पानी काटकर खेत में लगा रहे थे। वीरवार को मंजीत अपने पिता जगदीश व भाई भरत सिंह उर्फ जगड़ के साथ आया। वह तीनों जान से मार देने के इरादे से ही आए थे। कंबल में बंदूक को छिपाकर हाथों में लिए हुए थे। उनको अंदाजा नहीं था कि ऐसा हो जाएगा। वह खेतों में पानी लगा रहे थे। आते ही उन्होंने पिता साधुराम को छाती में गोली मार दी। उसने बीचबचाव किया तो बंदूक का बट सिर में जा लगा। इसके बाद वह तीनों कंबल व बंदूक छोड़कर भाग गए।
शरीर का अंदरूनी हिस्सा निकला बाहर
पूर्व सरपंच की छाती में गोली लगने के कारण शरीर का अंदरुनी हिस्सा बाहर निकल आया था। खून अधिक बहने की वजह से कुछ मिनटों में ही दम तोड़ दिया।