भारतीय संविधान देश का सबसे बड़ा ग्रंथ: सुनील गहलावत

रत्ताखेड़ा में मनाई गई डा. अंम्बेडकर जयंती

एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों उपमंडल के गांव रत्ताखेड़ा में संविधान रचयिता डा. भीमराव अंबेडकर जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विशाल भंडारे व हैल्थ चेकअप कैंप का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि आरपीआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील गहलावत तथा विशिष्टातिथि के रूप में पूर्व कैप्टन भीम सिंह ने शिरकत की। इस मौके पर अतिथियों व ग्रामीणों ने डा. भीमराव अंबेडकर प्रतीमा पर माल्यार्पण किया। अपने संबोधन में सुनील गहलावत ने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती भारत ही नहीं पूरे विश्व में मनाई जाती है।

SEE MORE;

गुरुद्वारा बाग समाधा सफीदों से बैशाखी मेला पर देखिए लाइव…

उन्होंने कहा कि बचपन से ही बाबा साहेब को आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। स्कूल में छुआछूत और जाति-पाति का भेदभाव झेलना पड़ा। विषम परिस्थितियों के बाद भी शिक्षा प्राप्त करके विभिन्न विषयों में डा. अंबेडकर ने 32 डिग्रियां हासिल की। शिक्षा ग्रहण करके उन्होंने भारत में दलित, वंचित और शोषित एवं महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना शुरू किया। संविधान सभा के अध्यक्ष बने और आजादी के बाद भारत के संविधान के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया। 1947 में अंबेडकर भारत सरकार में प्रथम कानून मंत्री बने। उन्होंने दलितों व महिलाओं के साथ हो रहे शोषण के कारण 1956 में अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया तथा समता सैनिक दल सामाजिक संगठन, भारतीय बौद्ध महासभा धार्मिक संगठन एवं आरपीआई राजनीतिक संगठन बनाए।

Gold price today : सोने और चांदी की कीमतों में बड़ा उछाल, वैश्विक बाजार में मजबूती का दिखा असर

मरणोपरांत डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को 1990 में भारत रत्न से नवाजा गया एवं सरकार ने 14 अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की। कार्यक्रम के समापन पर अतिथियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर सुभाष चंद, महावीर सिंह, सुनील, डा. दिनेश, अनिल, रामफल, अमित, गुरजंट सिंह, दीपक रंगा, अर्पित, मा. मुकेश रंगा, जितेंद्र सिंहमार, माया, भतेरी व पूनम मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *