दिल्ली की एयर क्वालिटी बीते एक हफ्ते से लगातार गिर रही है। 2 नवंबर को यहां हवा की गुणवत्ता (AQI) 402 दर्ज की गई।
दिल्ली की हवा 2 नवंबर को जहरीली हवा की कैटेगरी में पहुंच गई। SAFAR इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, शाम 5 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 402 दर्ज किया गया। भारतीय वैज्ञानिकों का मानना है कि आने वाले दिनों में राजधानी की हवा और खराब हो सकती है।
इससे पहले सोमवार को AQI 347 दर्ज किया गया था। प्रदूषण का हाल यह है कि आनंद विहार बस अड्डे पर रियल टाइम डेटा के अनुसार AQI 999 दर्ज किया गया। दिल्ली 17 इलाकों में गुरुवार को AQI 400 के पार दर्ज किया गया। बाकी सभी जगहों पर भी बेहद खराब स्थिति में प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया।
केंद्र की एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 2 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप का तीसरा चरण लागू कर दिया। इसके तहत सभी गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ के काम रोक दिए गए हैं। बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल हल्के मोटर चार पहिया वाहनों पर भी रोक लग गई है। पीक आवर्स से पहले सड़कों पर हर दिन पानी का छिड़काव करना होगा।
CAQM ने निर्देश दिए कि अगर सरकार जरूरी समझें तो पांचवीं क्लास तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास चलाएं। उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पांचवीं कक्षा तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल दो दिन के लिए बंद करने के आदेश जारी कर दिया।
प्रदूषण के बढ़ने का एक कारण पराली जलाने को भी मना जाता है।
प्रदूषण की वजह से अस्पतालों में लगातार बढ़ रहे मरीज
दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और इसके आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस कारण अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों के अलावा सामान्य लोगों में जुकाम, कफ, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, सांस लेने में परेशानी, गले में खरास, बदन दर्द, सिरदर्द, आंखों की परेशानी वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
डॉक्टरों का कहना है दिल्ली के बड़े अस्पतालों में एम्स में 50%, सफदरजंग 55 से 60%, आरएमएल और एलएनजेपी में 50 से 55%, जीटीबी, अंबेडकर समेत संजय गांधी अस्पताल में 60% से अधिक मरीज प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के पहुंच रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों को 2 से 3 महीने के लिए दिल्ली के बाहर चले जाना चाहिए, ताकि बीमारी कंट्रोल में रहे सके।पीएसआरआई अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर नीतू जैन का कहना है कि प्रदूषण की वजह से लोगों में लंबी-लंबी खांसी हो रही है।
इन इलाकों में दर्ज हुआ गंभीर श्रेणी में प्रदूषण का स्तर
क्षेत्र | AQI |
आनंद विहार | 999 |
शादीपुर | 507 |
मुंडका | 460 |
रोहणी | 454 |
बवाना | 452 |
द्वारका सेक्टर-8 | 445 |
पंजाबी बाग | 445 |
वजीरपुर | 435 |
नरेला | 433 |
जहांगीर पुरी | 433 |
न्यू मोती बाग | 423 |
आरके पुरम | 417 |
ओखला फेज-2 | 415 |
ग्रैप-3 में सीएक्यूएम की लोगों से अपील
- ऑफिस कारपूलिंग कर या सार्वजनिक वाहन से जाएं।
- ऑफिस या कंपनी अनुमति दे तो वर्क फ्रॉम होम करें।
- हीटिंग के लिए कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल कर करें।
ग्रैप-3 में पाबंदियां
- बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल चार पहिया वाहन पर प्रतिबंध।
- दिल्ली में हल्के कमर्शियल वाहनों, डीजल ट्रकों के प्रवेश पर रोक।
- गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक लगा दी गई।
- होटल-रेस्तरां के तंदूर में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर रोक।
प्रदूषण को कम करने के दिल्ली के कुछ हिस्सों में एंटी-स्मॉग गन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
3 साल बाद अक्टूबर में दिल्ली की हवा की क्वालिटी सबसे खराब रही
दिल्ली में 3 साल बाद अक्टूबर में हवा की क्वालिटी सबसे खराब दर्ज की गई है। SAFAR इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर के आखिरी दिन राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 दर्ज किया गया।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डेटा के मुताबिक अक्टूबर 2020 में दिल्ली का औसत AQI 257 दर्ज किया गया था। इसके अलावा अक्टूबर 2021 में AQI 173 और अक्टूबर 2022 में 210 AQI दर्ज किया गया था।
कम बारिश और पराली जलाना पॉल्यूशन बढ़ने की बड़ी वजह
वैज्ञानिकों ने बढ़ते पॉल्यूशन को लेकर चिंता जताई है। उनके मुताबिक कम बारिश होना पॉल्यूशन बढ़ने की बड़ी वजह है। इस साल अक्टूबर में सिर्फ एक दिन 5.4 मिमी बारिश हुई। जबकि अक्टूबर 2022 में 6 दिन 129 मिमी और अक्टूबर 2021 में 7 दिन 123 मिमी बारिश हुई थी।
पंजाब-हरियाणा में पराली जल रही, हवा दिल्ली की बिगड़ रही
दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाने को भी प्रदूषण बढ़ने का एक मुख्य कारण माना जा रहा है। हरियाणा, पंजाब समेत देश के उत्तरी हिस्सों में पराली जलाना अभी भी जारी है। इसके कारण दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और आस-पास के इलाकों में हवा में धुंध बढ़ रही है।
इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि खेत में आग लगने की संख्या पिछले दो सालों की तुलना में कम है।
पंजाब ने पराली जलाने का डेटा, तो हरियाणा ने दो नक्शे जारी किए
हरियाणा सरकार ने NASA के हवाले से 25 और 26 अक्टूबर के दो नक्शे जारी किए थे।
26 अक्टूबर को पंजाब सरकार ने राज्य में पराली जलाने के मामलों में कमी बताई थी। उन्होंने इसे लेकर आंकड़े जारी करते हुए बताया था कि 2022 की तुलना में 2023 में 15 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच पराली जलाने के मामलों में 53 प्रतिशत की कमी आई थी। इस पीरियड में पराली जलाने के मामले 5798 से घट कर 2704 हो गए थे।
वहीं, हरियाणा सरकार ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के हवाले से 25 और 26 अक्टूबर के दो नक्शे जारी किए थे। CM के OSD जवाहर यादव ने कहा था कि हरियाणा के मुकाबले पंजाब में आग आग जलाने के ज्यादा मामले सामने आए हैं। इससे जुड़ा हुआ डेटा NASA ने जारी किया है।
ये खबरें भी पढ़ें…
दिल्ली में AQI 250 तो मुंबई में 139 पहुंचा:25 साल पहले देश के 30% इलाकों में प्रदूषण नहीं था, अब ऐसे इलाके सिर्फ 9%
मौसम के सर्द होने के साथ हवा में स्मॉग दिखने लगा है। गुरुवार सुबह दिल्ली में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 256 और मुंबई में AQI 139 दर्ज किया गया। ये आंकड़े सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च ने जारी किए हैं। पूरी खबर पढ़िए…