जिला में 1200 हैक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा मत्स्य उत्पदान: डीसी डॉ• मनोज कुमार
एस• के • मित्तल
जींद, उपायुक्त डॉ• मनोज कुमार ने बताया कि घटती कृषि भूमि के कारण किसानों का रूझान अब मत्स्य पालन की ओर बढ़ रहा है। इसका दूसरा कारण सरकार द्वारा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दी जा रही आर्थिक व अन्य प्रकार की मदद भी है। जिला में अधिकाधिक किसान मत्स्य पालन को अपनाए, इसके लिए मत्स्य पालन विभाग एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। इस व्यवसाय में उपलब्धि हासिल करने वाले किसानों से उनकी जुबानी ही अन्य किसानों को सफलता की कहानियां सुनवाई जा रही है।
जब भी कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो मत्स्य पालन विभाग द्वारा सफल किसानों को बुलाकर अन्य किसानों को उनकी सफलता बारे जानकारी दी जा रही है। जिला मत्स्य अधिकारी दिलबाग सिंह ने बताया कि जिला के किसानों ने इस क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करनी शुरू की है, तभी से जींद जिला में मत्स्य पालन का क्षेत्र बढऩा शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गांव-गांव जाकर किसानों को मत्सय पालन व्यवसाय से होने वाले फायदों बारे बताया जा रहा है। सरकार द्वारा मत्स्य पालन के लिए दी जा रही सुविधाओं, अनुदान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। आज के परिदृश्य पर नजर डाली जाए तो जिला के अनेक किसान मत्स्य पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए विभाग के कार्यालयों में पहुंच रहे है, उन्होंने यह भी बताया कि मत्स्य पालन को लेकर सरकार द्वारा जो योजनाएं शुरू की गई है, किसान उनकी खूब प्रशंसा कर रहे है।
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मत्स्य अधिकारी अंकिता कौशिक बताया कि जिला में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। अधिकाधिक लोग इस व्यवसाय को अपनाकर अपने आय के स्त्रोतों में बढ़ोतरी कर इसके लिए विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया तैयार की जा रही कार्य योजना के तहत इस वर्ष मछली पालन के क्षेत्र को बढ़ाया जाना निश्चित है। कुल 1200 हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 697 हैक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन का कार्य शुरू हो चुका है। कुल मिलाकर इस वर्ष 185 लाख मछली बीज स्टॉक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके विपरित अब तक 115 लाख टन मछली बीज स्टॉक किया चुका है। इस वर्ष 9500 टन मछली उत्पादन का लक्ष्य है और अब तक 450 टन मछली उत्पादन हो चुका है। उन्होंने बताया कि 16 हेक्टेयर क्षेत्र के तालाबों को मछली पालन के लिए लीज पर लिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 30 हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन के लिए नए तलाबों का निर्माण कि ये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से 6.40 हैक्टेयर क्षेत्र में नये तालाब बनाये जा चुके है। उन्होंने यह भी बताया कि मत्सय पालन को बढ़ावा देने के लिए 110 किसान प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करवाया जाएगा, अब तक 39 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।