गांव के एकमात्र तालाब की दशा सुधारने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनका कहना है कि तालाब का पानी जहरीला हो चुका है। प्रशासन ने पहले तालाब के उद्धार का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं किया। मजबूरन उनको फिर से अनशन शुरू करना पड़ा है।
जहांगीरपुर के अड्डे पर आमरण अनशन पर बैठे दीपक शर्मा और अनिल कादयान ने कहा कि गांव में लोगों का जीवन मुहाल हो चुका है। गांव की गलियां भी बदहाल हो चुकी हैं। इसी मांग को लेकर वह पहले भी आमरण अनशन पर बैठे थे लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन देकर उनका अनशन तुड़वा दिया था। उन्होंने कहा कि वे इस बार झांसे में नहीं आएंगे। अब 15 अगस्त से यह नौजवान गांव में जोहड़ और रोड को लेकर अनशन पर बैठे हैं अब इनकी तबीयत भी बिगड़ने लगी है।
जहांगीरपुर गांव का तालाब, जिसमें पानी खराब हो चुका है।
अब जहांगीरपुर के बस स्टैंड पर चल रहे आमरण अनशन पर लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गई है। इनका समर्थन करने पहुंचे गुलिया खाप के प्रधान सुनील गुलिया ने बताया कि यह दोनों नौजवान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं इसमें अगर सरकार ने इनकी मांगे नहीं मानी तो आज दोनों जवान आमरण अनशन पर बैठे हैं आगे आगे इनकी संख्या बढ़ती जाएगी जिन की ज़िम्मेवारी सरकार की होगी।