उत्तराखंड के 3 लैंडिंग डॉक टेकओवर करेगी भारतीय वायुसेना: इनसे LAC पर स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन में मदद मिलेगी; राज्य की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी

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उत्तराखंड के 3 लैंडिंग डॉक टेकओवर करेगी भारतीय वायुसेना: इनसे LAC पर स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन में मदद मिलेगी; राज्य की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी
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CDS अनिल चौहान नई दिल्ली में हुए रैबार-5 प्रोग्राम में बोल रहे थे।

भारतीय वायु सेना उत्तराखंड में तीन एयर लैंडिंग स्ट्रिप्स को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया में है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि यह फैसला न केवल सिक्योरिटी फोर्सेस के लिए चीन बॉर्डर lसे जुड़े रणनीतिक फैसले लेने में मदद करेगा, साथ ही राज्य की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।

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CDS ने जिन तीन एयर स्ट्रिप्स का जिक्र किया है उनमें कुमाऊं की पहाड़ियों में बने पिथौरागढ़, गढ़वाल की पहाड़ियों में बने धरासू और गौचर शामिल हैं।

‘रैबार-5’ कार्यक्रम के दौरान CDS ने कहा- पिथौरागढ़, धरासू और गौचर उत्तराखंड में लैंडिंग ग्राउंड हैं। ये लैंडिंग स्ट्रिप्स राज्य सरकार की जमीन पर बनी हैं। राज्य सरकार चाहती थी कि इनका इस्तेमाल सिक्योरिटी फोर्सेस करें। इसलिए हमने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और अब इन स्ट्रिप्स का विस्तार किया जाएगा।

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ऑपरेशन सद्भावना के तहत दूध और फ्रैश फूड भी खरीद रही है सेना
CDS चौहान ने आगे बताया कि सिक्किम, अरुणाचलन प्रदेश और लद्दाख जैसे बॉर्डर स्टेट्स में लोगों की मदद के लिए कई प्रयास कर रही हैं। सेनाएं सहकारी समितियों से दूध, फ्रैश फूड और स्थानीय उपज खरीदती हैं।
चौहान बोले- यह अब तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पर लागू नहीं था, लेकिन इसे इन दोनों राज्यों में भी लागू कर दिया गया है। अब सेना इन दोनों राज्यों में सहकारी समितियों से स्थानीय उत्पाद खरीदेगी और उनकी मदद करेगी।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की तरह होगा ऑपरेशन सद्भावना
सीडीएस ने कहा कि बलों ने पिछले साल से ऑपरेशन सद्भावना का दायरा सीमावर्ती राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक भी बढ़ा दिया है। इसके लिए अलग से बजट दिया जाएगा। इसके नतीजे आने में समय लगेगा। यह गृह मंत्रालय के वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का पूरक होगा।

 

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