पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट काउंसिल के चुनावों में प्रेसिडेंट और सेक्रेटरी पोस्ट हारने के बाद नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) चंडीगढ़ कमेटी में अब नए चेहरे आएंगे। NSUI के नेशनल सेक्रेटरी हुसैन सुलतानिया ने चंडीगढ़ स्टेट NSUI कमेटी को तुरंत प्रभाव से भंग कर दिया है। वह चंडीगढ़ NSUI के इंचार्ज भी हैं।
जारी आदेशों में कहा गया है कि जल्द ही नई कमेटी का गठन किया जाएगा। बता दें कि NSUI ने बीते महीने हुए स्टूडेंट चुनावों में वाइस प्रेसिडेंट और जॉइंट सेक्रेटरी की पोस्ट पर चुनाव जीता था। हालांकि प्रेसिडेंट AAP की स्टूडेंट पार्टी छात्र युवा संघर्ष समिति(CYSS) के आयुष खटकड़ बने थे।
इन चुनावों के बाद से ही NSUI में हार को लेकर समीक्षा शुरू हो गई थी। जानकारी के मुताबिक कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से दूसरी स्टूडेंट पार्टियों को सहयोग किया था और अपनी पोस्ट पर रहते हुए NSUI को जीताने के लिए जोर नहीं लगाया। ऐसे में डिसिप्लिनरी कमेटी ने 8 स्टूडेंट लीडर पर कार्रवाई भी की थी। स्टेट प्रेसिडेंट रॉबी सिद्धू को 4 वर्ष तक NSUI ने बाहर कर दिया गया।
NSUI हैड ऑफिस, नई दिल्ली की ओर से यह आदेश जारी किया गया है।
वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट काउंसिल(PUSC) के पूर्व प्रेसिडेंट जश्न कंबोज, पूर्व वाइस प्रेसिडेंट राहुल कुमार, पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी मनप्रीत माहल, पूर्व पार्टी चेयरमैन राज करन, पूर्व कैंपस प्रेसिडेंट सतिंदर सिंह खैरा, पूर्व कैंपस प्रेसिडेंट आशीष पाल, पार्टी चेयरमैन करनबीर सिंह धारीवाल, वाइस चेयरमैन हर्षित सिंघल पर भी कार्रवाई करते हुए 4 वर्ष के लिए पार्टी की मैंबरशिप और कार्यों से बाहर किया गया था। PU स्टूडेंट चुनावों के बाद बीते 19 अक्तूबर को डिसिप्लिनरी कमेटी बनाई गई।
बड़ा और सही फैसला है: गालव
पार्टी के पूर्व प्रेसिडेंट और चंडीगढ़ नगर निगम काउंसलर सचिव गालव ने कहा कि यह पार्टी का बहुत ही अच्छा फैसला है। कोई भी पार्टी नेता पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता। यदि कोई पार्टी की ख़िलाफत करता है और पार्टी लाइन से हट कर चलता है तो उस पर सख्त कार्रवाई ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई ने भी कांग्रेस के उलट काम किया और उन्हें पार्टी ने निकाल दिया था।