महाराष्ट्र में ISIS मॉड्यूल केस में गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों को लेकर नए खुलासे हुए हैं। NIA ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि आरोपियों ने भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने की प्लानिंग बनाई थी।
भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए मुस्लिम युवाओं के बीच प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा था। इसके लिए महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बोरीवली में कई बैठकें की गईं। इन बैठकों में वे ISIS की गतिविधियों को अंजाम देने की प्लानिंग करते थे।
सभी आरोपी प्रतिबंधित आतंकी संगठन ISIS के सदस्य हैं। उनका मकसद भारत की सुरक्षा, संस्कृति और लोकतांत्रिक प्रणाली को खतरा पहुंचाना था। वे देश के लोगों के बीच भय और आतंक पैदा करना चाहते थे।
NIA ने 4 हजार पेज की चार्जशीट दायर की
NIA ने 2023 के जुलाई में महाराष्ट्र के अलग-अलग ठिकानों पर रेड की थी। इस दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनकी पहचान अदनान अली सरकार, ताबिश सिद्दीकी, जुल्फिकार अली, शरजील शेख, आकिफ अतीक नाचन और जुबैर शेख के रूप में की गई।
गुरुवार (28 दिसंबर) को NIA स्पेशल जज एके लाहोटी की कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ 4000 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की गई। इस चार्जशीट में 16 गवाहों के बयान को आधार बनाया गया है।
इसमें कहा गया कि आतंकी अपने सहयोगियों के साथ DIY (डू इट योरसेल्फ) किट शेयर कर रहे थे। साथ ही आतंकी योजनाओं के लिए धन जुटा रहे थे। उन्होंने कुछ युवाओं की भर्ती भी की और उन्हें IED और छोटे हथियार बनाने की ट्रेनिंग दी।
क्या है ISIS मॉड्यूल केस?
इस साल 18 जुलाई को पुणे में टू-व्हीलर चुराने के मामले में पुणे पुलिस ने शाहनवाज और मध्यप्रदेश के दो लोगों- मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी को गिरफ्तार किया था। जब पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें उनके ठिकाने पर ले जा रही थी तो शाहनवाज पुलिस की गाड़ी से कूदकर फरार हो गया।
मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद साकी से पूछताछ के दौरान पता चला कि दोनों सुफा टेररिस्ट गैंग का हिस्सा हैं। अप्रैल 2022 में राजस्थान में एक कार में विस्फोटक मिलने के मामले में वहां की पुलिस उन्हें ढूंढ रही है।
तब पुलिस ने इस मामले को पुणे ISIS मॉड्यूल केस नाम दिया। इस केस में पुलिस ने तीन और आतंकियों को मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में रखा था। इनके नाम हैं- पुणे का तल्हा लियाकत खान और दिल्ली का रिजवान अब्दुल हाजी अली और अब्दुल्ला फैयाज शेख।
कोथरुड पुलिस स्टेशन में तैनात कॉन्स्टेबल प्रदीप चव्हाण (बाएं) और अमोल नाजन (दाएं)। इन्हीं दोनों की वजह से ISIS के मॉड्यूल को पकड़ा गया था।
दिल्ली पुलिस ने आतंकी शाहनवाज को 2 अक्टूबर को पकड़ा
दिल्ली पुलिस ने 2 अक्टूबर को शाहनवाज को जैतपुर से पकड़ा था। उसके पास से केमिकल पदार्थ और IED बनाने में इस्तेमाल होने वाला मटेरियल मिला था। शाहनवाज की पत्नी पहले हिंदू थी। उसका धर्म बदलवाकर इस्लाम कबूल करवाया गया, उसने अपना नाम मरियम रख लिया। वह भी पति का साथ दे रही थी। फिलहाल शाहनवाज की पत्नी और बहन दोनों अंडरग्राउंड हैं। उनकी तलाश जारी है।
शाहनवाज पुणे पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया था और फिलहाल दिल्ली में रह रहा था। उसके ऊपर 3 लाख रुपए का इनाम था।
इस केस का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर IT इंजीनियर
NIA ने बताया कि इमरान, यूनुस और शाहनवाज के लिंक पुणे की IT फर्म में काम करने वाले इंजीनियर जुल्फिकार अली बोर्डवाला से हैं। जुल्फिकार को 3 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वो मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है।
जुल्फिकार ही इस केस का मास्टरमाइंड और फाइनेंसर है। उसने इमरान, यूनुस और शाहनवाज को ट्रेनिंग दिलवाई और पैसे पहुंचाए थे। इमरान तक पैसे पहुंचाने वाला कदीर दस्तगीर पठान भी पुलिस की गिरफ्त में है।
डॉक्टर अदनान गरीब नौजवानों को ISIS में शामिल करा रहा थी
चारों से हुई पूछताछ में डॉ. अदनान अली सरकार का नाम सामने आया। NIA ने उसके फ्लैट पर छापा मारा तो ISIS से जुड़े डॉक्यूमेंट मिले। इससे पता चला कि उसका संबंध ISIS से है। इसमें गरीब नौजवानों को आतंकी संगठन से जोड़ने की डिटेल भी थे।
इसके अलावा 4 आरोपियों से यहूदी कम्युनिटी सेंटर की फोटो मिली। इससे साफ हो गया कि ISIS के निशाने पर भारत ही नहीं, इजराइल के लोग भी थे। इसके बाद मुंबई पुलिस ने कोलाबा में चाबड़ हाउस की सिक्योरिटी बढ़ा दी। 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान चाबड़ हाउस पर भी अटैक हुआ था।
NIA इसके बाद आकिफ अतीक नाचन तक पहुंची। वो IED की टेस्टिंग में माहिर है। उसने ही इमरान और मोहम्मद यूनुस को छिपाया था। आकिफ को मुंबई के बोरीवली, ठाणे और भिवंडी में हुई रेड के बाद अरेस्ट किया गया था।
ड्रोन के जरिए एरियल ब्लास्ट करना चाहते थे आतंकी
आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि उन्हें अलग-अलग तरीकों से अटैक करने की ट्रेनिंग दी गई थी। बम ब्लास्ट का ट्रायल पुणे, कोल्हापुर और सतारा के जंगलों में किया गया था। जंगल में ये टेंट बनाकर रहते थे। ये ड्रोन के जरिए एरियल ब्लास्ट की टेक्नीक सीख रहे थे।
अधिकारी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में से एक मोहम्मद इमरान ग्राफिक्स डिजाइनर है। NIA ने उस पर 5 लाख का इनाम रखा था। ये केस राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में दर्ज है। इमरान और उसके दोनों साथियों के खिलाफ कोथरुड पुलिस स्टेशन में चोरी, जालसाजी, इंडियन आर्म्स एक्ट और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। बाद में सभी पर UAPA के तहत केस दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों से बरामद सामान और उनकी ट्रेनिंग बताती है कि ये जल्द ही बड़ा हमला करने की फिराक में थे।
कोंडवा के फ्लैट में ली IED बनाने की ट्रेनिंग
NIA ने बताया कि आतंकी देश में ISIS का महाराष्ट्र मॉड्यूल तैयार कर रहे थे। आकिफ अतीक नाचन ने IED बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदा था।
वो इमरान और यूनुस के कोंडवा वाले फ्लैट में कई दिन रहा और उन्हें ट्रेनिंग देता था। उसने 2022 में बम बनाने की ट्रेनिंग दी थी। इसमें डेमो IED भी बनाकर दिखाई गई।
इस ट्रेनिंग में कुछ और लोग शामिल हुए थे। उनकी तलाश जारी है। ये सभी ISIS के इशारे पर काम कर रहे थे।
नाचन के घर मिले डॉक्यूमेंट में मिले ट्रेनिंग के सबूत
NIA के अधिकारी ने बताया कि आकिफ अतीक नाचन का घर ठाणे के पडगा में है। उसके घर से कई मोबाइल फोन, कुछ हार्ड डिस्क और हाथ से लिखे डॉक्यूमेंट मिले थे। इनमें IED ट्रेनिंग के भी कुछ डॉक्यूमेंट थे।
इन आरोपियों की गिरफ्तारी से साफ है कि ISIS भारत में मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। सभी आरोपी कोंडवा इलाके से हैं। 5 लाख की आबादी वाला कोंडवा 2008 से पहले प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का गढ़ था। यहां 300 से ज्यादा आतंकियों के एक्टिव रहने की जानकारी मिली थी।
2010 में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी कोंडवा से गिरफ्तार किए गए थे। वे बेंगलुरु में इंडियन साइंस इंस्टिट्यूट पर हमला करने की साजिश रच रहे थे। 2014 में NIA ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था। 2022 में NIA ने 5 लोगों को अरेस्ट किया, जो ISIS मॉड्यूल से जुड़े थे।
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