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नई दिल्ली2 मिनट पहले
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इंडियन आर्मी के चीफ जनरल मनोज पांडे ने बुधवार (27 मार्च) को कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगभग चार साल से चल रहे सीमा विवाद पर भारतीय सेना की नजर बनी हुई है। हमारी तैयारी बहुत उच्च स्तर की है।
जनरल मनोज पांडे आज टाइम्स नाउ समिट में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि वर्तमान में मौजूद मुद्दे का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम हर तरह से तैयार हैं। किसी भी ऑपरेशन के लिए हमारी तैयारियां उच्च स्तर की हैं। पूरे LAC पर (3488 किमी बॉर्डर) पर हमारी (सेना) तैनाती मजबूत है और संतुलित है।
हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि इमरजेंसी से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडार है। हमारा रिस्पॉन्स मैकेनिज्म भी मजबूत है।
जनरल मनोज पांडे की बातचीत की मुख्य बातें…
सैन्य और राजनयिक स्तर पर विवाद पर बातचीत हुई
उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर हमने सेना और डिप्लोमैट स्तर बातचीत की है। अब तक 21 दौर की चर्चा हो चुकी है। डिप्लोमैट स्तर पर वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेट (WMCC) के जरिए भारत-चीन सीमा विवाद पर 2020 की घटना के बाद कई दौर की चर्चा हुई है। 30 नवंबर 2023 को WMCC की 28वीं मीटिंग हुई थी।
उन्होंने चीन से खतरे पर कहा कि समय-समय पर खतरों की समीक्षा करते रहते हैं। सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में खतरा (परेशानी) थोड़ा अलग होता है। हमारे पश्चिमी प्रतिद्वंद्वी की तरह हमारे उत्तरी प्रतिद्वंद्वी के संबंध में, मैं केवल यही कहूंगा कि हमारी तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा है
जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर
जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं, जो घाटी क्षेत्र के साथ-साथ पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में भी जारी हैं। लेकिन हमारे पास घुसपैठ रोकने का मजबूत ग्रिड है। जो सफल साबित हुआ है।
अग्निवीर योजना पर
अग्निवीर योजना की आलोचना पर जनरल पांडे ने कहा कि यह एक बड़ा चेंज है, जो हमने पिछले कई वर्षों में किया है। यूनिटों से मिली प्रतिक्रिया बहुत ही उत्साहजनक और सकारात्मक है।
उन्होंने यह भी कहा कि चार साल बाद अग्निवीरों का क्या होगा यह सवाल करना गलत है। सेना में महिलाओं की भूमिका पर उन्होंने कहा कि करीब 128 महिला अधिकारी अब कर्नल का पद संभाल रही हैं और वे अब कमांडिंग ऑफिसर हैं।
मणिपुर के मुद्दे पर
मणिपुर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 3-4 मई की रात को सेना की सक्रिय तैनाती थी। वहां अतिरिक्त बलों को शामिल किया गया, चाहे वह असम राइफल्स हो या सेना की यूनिट हो। जिसने हिंसा को नियंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में आज भी लोगों के पास बड़े पैमाने पर हथियार मौजूद हैं, जो चिंता का कारण हैं।
नेशनल डिफेंस एकेडमी के 1982 बैच से पासआउट मनोज पांडे इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले पहले आर्मी चीफ हैं।
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे?
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था। वह स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूके) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में हायर कमांड कोर्स में भी भाग लिया था। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने अपनी 37 साल की सेवा में ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में सक्रिय भाग लिया है।
जनरल मनोज पांडे चीन से सटे ईस्टर्न कमांड में कमांडर और ब्रिगेडियर स्टाफ के पद पर काम कर चुके हैं। वे लद्दाख इलाके के माउंटेन डिवीजन में इंजीनियर ब्रिगेड के पद पर तैनात रह चुके हैं। वहीं नॉर्थ-ईस्ट रीजन में भी लेफ्टिनेंट जनरल रहते कई ऑपरेशन में भाग ले चुके हैं। 30 अप्रैल 2022 को उन्होंने 29वें आर्मी चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया था।
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