ये तस्वीर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में PM जनमन योजना के तहत लगाए गए विशेष शिविर की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की बोक्सा जनजाति, छत्तीसगढ़ की कमार-कोरवा और राजस्थान की सहारिया जनजाति के लोगों से वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान एक लाख विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) लाभार्थी परिवारों को पक्के घरों के लिए 540 करोड़ रुपए की फंडिंग की पहली किस्त भी जारी की गई।
संवाद के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि कोई भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न रहे। क्योंकि देश तभी विकसित हो सकता है जब सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे।
विशेष पिछड़ी जनजातीय लोगों के विकास और उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल जनजातीय गौरव दिवस पर PM जनमन योजना शुरू की थी। इस योजना का मुख्य लक्ष्य विशेष रूप से कमजोर जनजातियों का संपूर्ण विकास करना है।
जनमन योजना के तहत जनजातीय लोगों के आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और अन्य दस्तावेज बनवाए गए हैं।
योजना के तहत 9 केन्द्रीय मंत्रालय 11 सुविधाओं पर करेंगे काम
जनमन योजना के तहत केंद्र सरकार के 9 मंत्रालय 11 सुविधाओं को सुनिश्चित करने का काम करेंगे। इनमें पक्के घर का प्रावधान, पक्की सड़क, नल से जल-समुदाय आधारित पेयजल, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए पोषण, बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण, घरों में बिजली पहुंचाना, सोलर पावर, इंटरनेट तथा मोबाइल सर्विस की उपलब्धता और आजीविका संवर्धन के लिए स्किल डेवलपमेंट शामिल हैं।
केंद्र सरकार 3 साल में खर्च करेगी 24104 करोड़
15 नवंबर को प्रधानमंत्री ने योजना की शुरुआत की थी। पिछले दो महीनों में सरकार ने पीएम-जनमन पैकेज के तहत 9 मंत्रालयों के माध्यम से ₹4700 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिसमें घरों के लिए एक लाख लाभार्थियों को मिलने वाली पहली किस्त भी शामिल है।
इसके अलावा इन जनजातियों की बस्तियों में 8000 किमी सड़कों में से 1207 किमी के निर्माण को मंजूरी दे दी है। छूटे हुए परिवारों को पीएम जल जीवन मिशन से जोड़ने और 916 आंगनवाड़ी केंद्रों को मंजूरी दी है, जिनमें से 816 के इस महीने के आखिर तक चालू हो जाएंगी।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनमन योजना के तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 22000 बस्तियों में लगभग 7 लाख परिवारों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। केंद्र ने इस पैकेज के लिए अगले तीन साल में खर्च किए जाने वाले कुल ₹24104 करोड़ को मंजूरी दी है, जिसमें से ₹15336 करोड़ केंद्र ही खर्च करेगा। बाकी ₹8768 करोड़ राज्य सरकारें उठाएंगी।