सियाचिन ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली महिला मेडिकल ऑफिसर: 15 हजार फीट की ऊंचाई पर पोस्टिंग, कैप्टन फातिमा वसीम को जिम्मेदारी

इंडियन आर्मी के फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो शेयर किया।

सियाचिन ग्लेशियर में सेना की ऑपरेशनल पोस्ट पर पहली बार महिला मेडिकल ऑफिसर की तैनाती की गई है। कैप्टन फातिमा वसीम को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी पोस्टिंग 15 हजार 200 फीट की ऊंचाई पर होगी।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोमवार (11 दिसंबर) को इस बात की जानकारी दी। फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें सियाचिन बैटल स्कूल में फातिमा ट्रेनिंग लेती दिखीं।

फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स को आधिकारिक तौर पर 14वां कॉर्प्स कहा जाता है। इसका हेडक्वार्टर लेह में है। इनकी तैनाती चीन-पाकिस्तान की सीमाओं पर होती है। साथ ही ये सियाचिन ग्लेशियर की रक्षा करते हैं।​​​​​

स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की पहली मेडिकल ऑफिसर बनी थीं कैप्टन गीतिका

सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर ने कैप्टन गीतिका कौल की 5 दिसंबर को तस्वीर X पर पोस्ट की थी।

सेना के फायर एंड फ्यूरी कोर ने कैप्टन गीतिका कौल की 5 दिसंबर को तस्वीर X पर पोस्ट की थी।

5 दिसंबर 2023 को सेना ने बताया कि स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की कैप्टन गीतिका कौल पहली महिला मेडिकल ऑफिसर बनीं थीं, जिन्हें सियाचिन की बैटलफील्ड पर तैनात किया गया है, जिसकी ऊंचाई 15,600 फीट है। कैप्टेन गीतिका ने अपनी तैनाती को लेकर सेना का आभार जताया था। कैप्टेन गीतिका कौल ने कहा था- वे देश के लिए अपना हर कर्तव्य निभाएंगी। जान दांव पर लगा कर देश की हिफाजत करेंगी।

1984 से लगातार सियाचिन ग्लेशियर में डटे हैं सैनिक
सियाचिन ग्लेशियर भारत-पाक बॉर्डर के पास करीब 78KM में फैला है। इसके एक तरफ पाकिस्तान, दूसरी तरफ अक्साई चीन है। 1972 के शिमला समझौते में सियाचिन को बेजान और बंजर बताया गया था। हालांकि तब भारत-चीन के बीच इसके सीमा का निर्धारण नहीं हुआ था।

1984 में भारतीय सेना को जानकारी मिली कि पाकिस्तानी सेना इस इलाके को कब्जे में लेने की कोशिश कर रही है, जिसके बाद 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने अपनी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स की स्पेशल टुकड़ी को इस इलाके में तैनात कर दिया।

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ड्यूटी के दौरान पहली बार अग्निवीर की जान गई, 20 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात थे अक्षय लक्ष्मण​​​​​​​

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