97 तेजस और 156 प्रचंड हेलिकॉप्टर खरीदेगी सेना: केंद्र ने 1.1 लाख करोड़ का सौदा मंजूर किया; ये स्वदेशी निर्माताओं से हुई सबसे बड़ी डील

वर्तमान में दो स्क्वाड्रन 45 और 18 तेजस के साथ पूरी तरह ऑपरेशनल हैं।

केंद्र सरकार ने सेना और डिफेंस प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 97 तेजस और 156 प्रचंड लड़ाकू हेलिकॉप्टर की खरीद को मंजूरी दे दी है। ये दोनों स्वदेशी कॉम्बैट प्लेन-हेलिकॉप्टर हैं।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सौदों का मूल्य लगभग 1.1 लाख करोड़ रुपए है। इसके अलावा रक्षामंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद ने Su-30 लड़ाकू बेड़े को अपग्रेड करने के वायुसेना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

दावा किया जा रहा है कि इस डील से सरकारी खजाने पर 1.3 लाख करोड़ रुपए का खर्च बढ़ सकता है। हालांकि ये स्वदेशी निर्माताओं से हुई अबतक की सबसे बड़ी डील है।

सेना में शामिल होने तक 10 साल का समय लगेगा
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि फाइनल अमाउंट पर बातचीत हो जाने के बाद इसपर कैबिनेट सुरक्षा समिति साइन करेगी। इसके बाद भी सेना में अंतिम रूप से शामिल होने में कम से कम 10 साल लग सकते हैं।
IAF के पास 260 से ज्यादा Su-30 विमान हैं। अपग्रेड करने के लिए इसमें भारत में ही बने रडार, एवियोनिक्स और सबसिस्टम लगाए जाएंगे।

तेजस और प्रचंड क्यों हैं खास

प्रचंड हेलिकॉप्टर

  • प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर का पहला बैच पिछले साल वायुसेना और सेना में शामिल किया गया था।
  • हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस 5.8 टन वजनी ट्विन इंजन हेलिकॉप्टर को डेवलप किया है। इसकी सर्विस लिमिट लगभग 21 हजार फीट है।
  • प्रचंड को मुख्य रूप से सियाचिन, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है।
  • सेना में प्रचंड हेलिकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना के हमले वाले हेलिकॉप्टर बेड़े में विविधता आएगी।
  • फिलहाल इस बेड़े में एचएएल रुद्र, अमेरिका में बना अपाचे और रूसी एमआई -35 शामिल हैं।
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तेजस

  • तेजस मार्क-1ए लाइट कॉम्बैट प्लेन है। यह फोर्थ जनरेशन का ऑपरेशनल फाइटर जेट है।
  • इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक-स्कैन किए गए एरे रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट शामिल है।
  • यह हवा से हवा में फ्यूल भरने में सक्षम है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डेवलप किया है।
  • यह भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट है और इसे फरवरी 2019 में पूरी तरह से हथियारबंद फाइटर जेट के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया।

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