पीएम नरेंद्र मोदी इस बार भी जवानों के बीच दीपावली मनाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी 12 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर स्थित जोरियन में 191 ब्रिगेड के साथ दीपावली मनाएंगे।
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी हर साल जवानों के साथ दीपावली मनाते आ रहे हैं। 2022 में मोदी ने कारगिल में जवानों के साथ दीपावली का जश्न मनाया था।
कारगिल में बोले थे- भारत ने हमेशा युद्ध टालने की कोशिश की है
पीएम मोदी ने कारगिल में जवानों को संबोधित करते हुए कहा था- भारत हमेशा शांति के लिए खड़ा रहा है। हमने हमेशा युद्ध को पहला नहीं बल्कि अंतिम उपाय माना है, लेकिन हमारे सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत और रणनीति है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा-हम सिविलियन लोगों की दिवाली… हमारी आतिशबाजी अलग होती है। आपकी आतिशबाजी भी अलग और धमाके भी अलग होते हैं। मोदी ने रामायण और महाभारत महाकाव्यों का हवाला दिया। बोले- यह भारतीय परंपरा है कि युद्ध चाहे लंका में हुआ हो या कुरुक्षेत्र में, अंतिम समय तक उसे टालने की ही कोशिश की गई। हम विश्व शांति के पक्षधर हैं। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, जो एक ‘संतुलन शक्ति’ है।
पीएम मोदी ने कारगिल में जवानों से कहा, मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकाश आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पथ प्रशस्त करता है।
191 ब्रिगेड ने 1965 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, पाक को पीछे हटना पड़ा था
पाकिस्तान ने छंब-जौरियन हथियाने और कश्मीर को शेष भारत से काटने के लिए अखनूर पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम शुरू किया। शुरुआती झटकों के बाद कुछ ही दिनों में अखनूर में भारत की तरफ से 10 डिवीजन खड़ी कर दी गईं और ज्यादा सैनिक वहां पहुंच गए। इसके बाद 191 ब्रिगेड सुंदरबनी की ओर चली गई, जहां दुश्मन कालीधर पर्वत और आसपास की चोटियों पर कब्जा करने के बाद राजौरी, पुंछ और अन्य क्षेत्रों में भारतीय सेना की आवाजाही रोकने के लिए सुंदरबनी पर कब्जा करने की तैयारी कर रहा था।
191 ब्रिगेड को कालीधर पहाड़ पर कब्जा करने का काम दिया गया। एक जबर्दस्त लड़ाई के बाद कालीधर पर भारत का कब्जा हो गया। जब खाई खाली करने की बात आई तो पाकिस्तानी सैनिकों के साथ आमने-सामने की लड़ाई हुई। ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तानी सैनिकों के पास गोला-बारूद की कमी है। पाकिस्तानी बंदूकों से दागे गए ज्यादातर गोले पुराने हो चुके थे और फटे नहीं थे। भारतीय ब्रिगेड ने कश्मीर को भारत से काटने के लिए अखनूर और सुंदरबनी पर कब्जा करने के पाकिस्तान के सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया था।
191 ब्रिगेड द्वारा लड़ी गई छंब-जौरियन लड़ाई ऐसी थी, जिसने पाकिस्तानी मंसूबों को उलट दिया और उनका ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम विफल हो गया।
2014 से 2021 तक मोदी की जवानों के साथ दीपावली मनाने की तस्वीरें….
2014: देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मोदी ने सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। वे सियाचिन पर तैनात जवानों के बीच पहुंचे। जवानों को अपने हाथ से मिठाई खिलाई और उनका हौसला बढ़ाया।
2015: इस साल PM मोदी ने अमृतसर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
2016: परंपरा को निभाते हुए PM मोदी लगातार तीसरे साल सैनिकों के साथ दिवाली मनाने हिमाचल से लगे चीन बॉर्डर के पास गए थे। यहां उन्होंने ITBP जवानों के बीच दिवाली मनाई।
(10 नवंबर 2023) राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक न्यूज़पेपर में प्रिंट आज की ख़बर…
2017: इस साल मोदी ने दिवाली का जश्न जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाया।
2018: PM मोदी दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। यहां उन्होंने चीन बॉर्डर के पास हरशिल गांव के केंट इलाके में भारतीय सशस्त्र बल और ITBP जवानों के साथ दिवाली मनाई।
2019: PM मोदी इस साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी में LoC पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए पहुंचे थे।
2020: PM मोदी राजस्थान के जैसलमेर के पास लोंगेवाला पोस्ट पर सैनिकों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे।
2021: पिछले साल PM मोदी जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि जवानों के परिवार के सदस्य के तौर पर आया हूं।
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