पंजाब में केजरीवाल के दौरे को लेकर सियासी घमासान मच है। विपक्ष के नेताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर सराकरी मशीनरी और कर्मचारियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
पंजाब में सीएम भगवंत मान और आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल आज अमृतसर में स्कूल ऑफ एमिनेंस का शुभारंभ करने जा रहे हैं। इस दौरान रणजीत एवेन्यू में एक विशाल रैली का भी आयोजन किया जाएगा। इस रैली के लिए 734 सरकारी और निजी बसों के साथ-साथ सरकारी अध्यापकों और फूड सप्लाई विभाग को जिम्मेदारियां सौपी गई है।
पंजाब सरकार द्वारा जारी विभिन्न आदेश।
रैली में 50 हजार से अधिक AAP समर्थकों के पहुंचने का अनुमान है। बसों में अध्यापकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं, ताकि AAP वर्करों को कोई दिक्कत न हो। उनके खाने-पीने की जिम्मेदारी भी फूड एंड सप्लाई विभाग पूरी कर रहा है। AAP सरकार के इस फैसले के बाद CM मान सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है।
शिक्षकों को कंडक्टर और वेटर बनाया
अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने ट्वीट कर कहा- क्या बदलाव है!! गुरु माने जाने वाले शिक्षकों को आम आदमी पार्टी के नेताओं की सेवा के लिए बसों का कंडक्टर और वेटर बना दिया गया है।
क्या यह है बदलाव वाला शिक्षा मॉडल
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने ट्वीट कर कहा- बदलता शिक्षा मॉडल” बसें सरकार, खाना सरकार, यह राज्य की सत्ता का दुरुपयोग नहीं तो और क्या है? आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में श्री अमृतसर साहिब में “स्कूल ऑफ एमिनेंस” के उद्घाटन शिक्षक के बेटे भगवंत मान शिक्षक रहे हैं।
समारोह के दौरान पंजाब भर से वर्करों को लाने-ले जाने के लिए 734 सरकारी और निजी बसों में अध्यापकों को प्रभारी बनाया गया। प्रभारी के रूप में कर्तव्य निभा रहे शिक्षकों की जगह स्कूलों में बच्चों को कौन पढ़ाएगा? मैं बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ करके शिक्षकों को पार्टी कार्यक्रमों के लिए इस्तेमाल करने का कड़ा विरोध करता हूं।
स्कूल की गरिमा को पहुंचा आघात
अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी ट्वीट कर सीएम मान व अरविंद केजरीवाल का विरोध किया है। उन्होंने कहा- किसी भी कॉलेज या स्कूल में, “प्रतिष्ठा” छात्रों और शिक्षकों की समान रूप से होती है। यदि उनमें से एक को राजनीतिक रैलियों के लिए झुंड में लाया जा रहा है और दूसरे को इस उद्देश्य के लिए चरवाहे के रूप में कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो इससे दोनों की गरिमा को आघात पहुंचता है। लेकिन आज पंजाब में यही हो रहा है।
अमृतसर रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खुश करने के लिए हजारों स्कूली बच्चों को परीक्षा से पहले पढ़ाई से दूर कर दिया गया और शिक्षकों को उन्हें सरकारी/निजी बसों में लाने का काम सौंपा गया।
यह सब तब हो रहा है जब बेरोजगार शिक्षकों को उनके शांतिपूर्ण विरोध को रोकने के लिए “घर में गिरफ्तार” किया जा रहा है। प्रिय अरविंद केजरीवाल, कृपया कम से कम अपनी “बहन” का सामना करें, जिसे आप पंजाब चुनाव के प्रचार के दौरान नौकरी की पेशकश के साथ पानी की टंकी से नीचे लाए थे। वह अभी भी अपने “भाइयों” और उस मायावी नौकरी की तलाश कर रही है जो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उसे दी थी।
राज्य की संपत्ति की बेरहमी से लूट
भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी AAP सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा- भगवंत मान जी द्वारा अरविंद केजरीवाल को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक धन की कितनी बड़ी बर्बादी है। फरीदकोट डीसी को अमृतसर में केजरीवाल जी की रैली के लिए आप पंजाब के सदस्यों को ले जाने के लिए जिले से 30 बसें सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। पंजाब AAP का उपनिवेश बन गया है और केजरीवाल जी अपने प्रचार के लिए राज्य की संपत्ति को बेरहमी से लूट रहे हैं।
राज्य मशीनरी का दुरुपयोग
भुलत्थ से कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर रंधावा ने AAP सरकार पर तंज कसते हुए कहा- अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान जैसे लोग जो अपनी राजनीतिक रैलियों के लिए राज्य मशीनरी के दुरुपयोग के लिए बादलों और कैप्टन का नकली मजाक उड़ाते थे, उन्होंने खुद राज्य सत्ता के दुरुपयोग के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं! बाउकर पार्टी कार्यकर्ताओं को डीसी के माध्यम से 734 सरकारी/निजी बसों में अमृतसर तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों को नियुक्त किया गया है और खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारियों को भोजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
AAP पंजाब ने किया खंडन
विरोधी पार्टियों ने अध्यापकों की ड्यूटी लगवाने के मामले में AAP सरकार को घेरा है, लेकिन वहीं AAP पंजाब के ऑफिशियल एकाउंट पर इसका खंडन किया है। AAP सरकार द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है कि इस रैली में किसी भी अध्यापक की ड्यूटी नहीं लगाई गई है।
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