बेसहारा गौवंश के लिए जान की आफत बना खुला नाला

गौभक्तों ने प्रशासन के समक्ष उठाई नाले को ढकने की मांग
एस• के• मित्तल
सफीदों,        नगर की हांसी ब्रांच नहर के साथ लगता नाला (डिच डे्रन) बेसहारा गौवंश के लिए जान की आफत बन गया है। इस नाले में गिरकर हर रोज गौवंश चोटिल हो रहा है लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
श्री गणेश विकंलाग गौशाला के अध्यक्ष नीटू धीमान ने बताया कि उनकी यह गौशाला नहर पटरी पर स्थित है और उनके पास तकरीबन हर रोज कोई ना कोई गौवंश इसमें गिरने का समाचार पहुंचता है। सूचना मिलने पर वे गौभक्तों की टीम को वहां पर भेजकर गिरे हुए गौवंश को बाहर निकलवाते हैं। टीम के सदस्यों को भी भारी जोखिम का सामना करना पड़ता है क्योंकि यह नाला अत्यंत गहरा है तथा इसमें बह रहा पानी अत्यंत सड़ी अवस्था में होता है। गहराई के कारण चोट लगने और बदबूदार पानी से गौभक्तों को बीमार होने का खतरा बना रहता है लेकिन वे फिर भी गौवंश को बाहर निकलाते हैं और गौवंश को गौशाला में लाकर उसका इलाज करते हैं।
नीटू धीमान ने बताया कि वे मामले में कई बार प्रशासन से मिलकर लिखित में समस्या के निराकरण का अनुरोध कर चुके है लेकिन प्रशासन ने दिशा कोई सकारात्मक नहीं उठाया है और समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं साथ लगती गीता कालोनी निवासियों का कहना है कि इस खुले नाले के कारण उन्हे भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नाले से भयंकर बदबू उठती है तथा हवा के साथ कालोनी में प्रवेश कर जाती है। इस विषैली हवा के कारण बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। वहीं नहर की पटरी से इस नाले का ढलान बहुत तीव्र है। जिसके कारण अनेक वाहन चालक भी इसमें गिर चुके हैं।
लोगों का कहना था कि इस नहर पटरी पर घोड़ा पूली है जो सफीदों शहर को मंडी क्षेत्र से जोड़ती है। इस पटरी पर हजारों की संख्या में हर रोज वाहन गुजरते है। हर समय यहां पर कोई ना कोई दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। श्री गणेश विकंलाग गौशाला के अध्यक्ष नीटू धीमान व कालोनीवासियों ने सरकार व प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस नाले को ढका जाए ताकि गौवंश व लोग चोटिल ना हो और बीमारी फैलने का अंदेशा भी ना रहे।

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