चरखी दादरी. एक तरफ देश में पानी की कमी से जमीनें बंजर होती जा रही हैं, वहीं वैज्ञानिकों ने बंजर जमीन उपजाऊ बनाने का फॉर्मूला तैयार किया है. इसे सिंचाई के दौरान इस्तेमाल करके दो महीने में बंजर जमीन को ऊपजाऊ बनाकर खेती की जा सकती है. मुम्बई के युवाओं ने द्वारा तैयार होने वाली खाद पूर्ण रूप से बायो ऑर्गेनिक खाद होगी. जिससे खेती में डीएपी से मुक्ति मिलेगी वहीं विदेशी तकनीक से तैयार होने वाली बायो ऑर्गेनिक खाद से हरियाली लहलहाएगी.
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विदेश से मंगवाई गई विशेष प्रकार की मिट्टी से तैयार होने वाली खाद का पहला देश का पहला बायो डायनेमिक कन्वर्टर, बीडीसी प्लांट चरखी दादरी में स्थापित हुआ है. गृह मंत्रालय की डायरेक्टर चित्रलेखा शर्मा ने प्लांट में ही किसान परामर्श केंद्र का शुभारंभ किया. बता दें कि संजीवनी माटी किसान उत्पादक संगठन, एफपीओ द्वारा रूसी कृषि वैज्ञानिक इवान गारेव के मार्गदर्शन में दादरी में भारत का पहला बायो डायनेमिक कन्वर्टर, बीडीसी प्लांट स्थापित किया गया है.
इस प्लांट के माध्यम से गोशालाओं से निकलने वाले गोबर व जैव अपशिष्ट से जैविक खाद बनाई जाएगी. इस प्लांट से किसी भी प्रकार का कचरा बाहर नहीं जाएगा. इस प्रक्रिया में प्रयोग होने वाले पानी का भी खेती में इस्तेमाल किया जा सकेगा. वैज्ञानिक गौरव कुमार, बृजेन्द्र व गौरव की टीम द्वारा तैयार की जाने वाली जैविक खाद में विदेश से मंगवाई गई एक विशेष प्रकार की मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जाएगा. जिससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी तथा किसानों पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ेगा.
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वहीं लोगों को रसायन मुक्त उत्पाद मिल सकेंगे. इस जैविक खाद से सेम ग्रस्त भूमि में भी फसलों का उत्पादन होगा. इस प्लांट में जैविक खाद बनाते समय पराली का भी प्रयोग किया जाएगा. ऐसे में वे किसानों से पराली भी खरीदेंगे, जिससे पराली जलाने की समस्या का समाधान होगा. वहीं गोशालाओं की आय में भी वृद्धि होगी.
गृह मंत्रालय की डायरेक्टर चित्रालेखा शर्मा ने प्लांट में किसान परामर्श केंद्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि विदेशी तकनीक से तैयार की जा रही ऑर्गेनिक खाद से बंजर भूमि के दिन फिरेंगे और पैदावार में भी बढोतरी होगी. जहरीली दवाओं को झेल रही जमीन उपजाऊ हो, इसके लिए वैज्ञानिकों द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है. यह देश व क्षेत्र के लिए गौरव है कि पहला बायो डायनेमिक कन्वर्टर, बीडीसी प्लांट शुरू हुआ है.
वहीं दिल्ली से प्लांट देखने आए सुरेश कुमार ने कहा कि प्रोजक्ट से बनने वाली खाद से किसानों व धरती की माटी को अधिक शक्ति मिलेगी. जहां किसानों को डीएपी खाद के लिए लाइनों खड़ा रहना पड़ता है उससे छुटकारा मिलेगा, इतना ही नही डीएपी व यूरिया के छिड़क़ाव से जहां धरती के सीने में जहर घोलकर आमजन को जहर खिलाने पर भी अंकुश लगेगा.
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