हाई कोर्ट में तजिंदर बग्गा पर आमने-सामने हरियाणा और पंजाब; दी दलीलें, जानें क्या रहा नतीजा?

 

चंडीगढ़. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस को भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा (Tajinder Pal Singh Bagga) की हिरासत नहीं देने और उन्हें हरियाणा में ही रखने की गुहार लगायी गई थी. कोर्ट इस मामले में शनिवार को सुनवाई जारी रखेगी. पंजाब सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. साथ ही हरियाणा पुलिस पर आरोप लगाए थे.

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बग्गा की ओर से पेश वकील चेतन मित्तल ने पंजाब पुलिस द्वारा भाजपा नेता को गिरफ्तार किए जाने को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार कैसे हरियाणा के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर सकती है?

पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ्तार किया. इसके बाद पूरे दिन चले नाटकीय घटनाक्रम में बग्गा को उनके घर से कथित तौर पर जबरन उठाये जाने के चलते हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस के वाहनों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रोक लिया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस बग्गा को वापस राजधानी दिल्ली ले गई. पंजाब सरकार ने याचिका में हरियाणा और दिल्ली पुलिस पर उसके पुलिस अधिकारियों को अवैध तरीके से हिरासत में लेने का आरोप लगाया.

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पंजाब की दलील दी थी दिल्ली पुलिस को सूचना 

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिध्दू ने कहा कि पंजाब पुलिस ने तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस को सूचना दी थी. बग्गा को 5 बार नोटिस भेजने के बाद जांच में शामिल न होने के चलते आज गिरफ्तार किया गया था. आज 24 घण्टे के भीतर कोर्ट में उसे पेश करना था, लेकिन हरियाणा पुलिस कुरुक्षेत्र में बग्गा और पंजाब पुलिस को लेकर गई और दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी ढंग से तेजिंदर बग्गा की कस्टडी खुद ले ली और उसको दिल्ली लेकर चले गए.

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दिल्ली पुलिस के जनकपुरी थाने में पंजाब पुलिस अभी भी बैठी है क्योंकि दिल्ली पुलिस ने स्टेटमेंट रिकॉर्ड नहीं की. हमारे पास तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी के दौरान की सारी वीडियोग्राफी पड़ी है. तेजिन्दर बग्गा के साथ भी किसी ने हाथापाई नहीं की. मामले की सुनवाई कल होनी है. इससे पहले आज शाम तक हरियाणा और दिल्ली पुलिस को मामले में हलफनामा दायर करना है.

अदालत ने पंजाब सरकार का नहीं स्वीकार किया कोई अनुरोध: जैन

वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कहा कि पंजाब सरकार ने अदालत से अनुरोध किया है कि दिल्ली पुलिस को बग्गा की हिरासत नहीं सौंपी जानी चाहिए. जैन ने कहा कि राज्य सरकार की मांग है कि या तो बग्गा को पंजाब पुलिस के हवाले किया जाए अथवा जहां वह हैं, उन्हें वहीं हिरासत में रखा जाये. जैन ने बताया कि अदालत ने अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया.

उन्होंने पंजाब पुलिस के उस आरोप को भी खारिज किया कि उसके अधिकारियों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. उन्होंने कहा, ”हमने अदालत को बताया कि हमने दिल्ली में कहीं भी किसी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी या हिरासत में नहीं रखा है.”

बग्गा के पिता की शिकायत पर भाजपा नेता के अपहरण का मामला दर्ज

जैन ने कहा कि बग्गा के पिता की शिकायत पर भाजपा नेता के अपहरण का मामला दर्ज किया गया और दिल्ली पुलिस ने द्वारका जिला अदालत से एक तलाशी वारंट प्राप्त किया. जैन ने अदालत के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”हमने अदालत को यह भी बताया कि दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के किसी अधिकारी को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं रखा है. पंजाब पुलिस के दो या तीन अधिकारी जनकपुरी थाने में हैं और वे अपनी इच्छा से वहां बैठे हैं.”

उन्होंने कहा, ”हमने अदालत से कहा कि अगर किसी राज्य का कोई पुलिस अधिकारी किसी अन्य राज्य के अधिकार क्षेत्र में गिरफ्तारी के लिए जाता है तो उन्हें संबंधित राज्य की पुलिस को सूचित करना होता है. लेकिन, पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस को शामिल नहीं किया और न ही उन्हें पहले से कोई सूचना दी. इसलिए, दिल्ली पुलिस को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि उन्हें क्यों और किसके द्वारा गिरफ्तार किया गया.”

पंजाब ने हरियाणा पुलिस पर लगाए अपने अधिकारियों को अवैध रूप से हिरासत के आरोप

वहीं, पंजाब के महाधिवक्ता अनमोल रतन सिद्धू ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस पर अपने अधिकारियों को अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया. सिद्धू ने कहा, ”बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कोई अग्रिम जमानत याचिका दाखिल नहीं की है. हमने उन्हें पांच मौकों पर जांच में शामिल होने के लिए उचित नोटिस भेजा, लेकिन वह नहीं आये.”

सिद्धू ने दावा किया, ”हमने टीम को उनके घर भेजा और एक टीम जनकपुरी थाने भी गई. पुलिस उपाधीक्षक कुलजिंदर सिंह सूचना देने के लिए सुबह से ही अपनी टीम के साथ वहीं बैठे रहे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे रिकॉर्ड पर नहीं लिया.” सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने बग्गा की उनके घर से गिरफ्तारी सहित सभी घटनाओं की वीडियोग्राफी की. उन्होंने कहा, ”हमारे किसी भी पुलिसकर्मी ने परिवार के किसी सदस्य के साथ धक्का-मुक्की नहीं की, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है.”

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