एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की सामाजिक संस्था उड़ान ट्रस्ट गु्रप के तत्वावधान में गुरु गोबिंद सिंह जी के चारो साहिबजादों की शहादत की याद में श्री सुखमणि साहिब जी का पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की महिला विंग की अध्यक्षा ज्योति थनई ने की। वहीं श्री हरी कृष्ण गुरुद्वारा मंडली ने यहां पहुंचकर श्री सुखमणि साहिब का पाठ किया और गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चारो साहिबजादों की वीरता की ऐतिहासिक कहानियां गाकर सुनाई और उनके बलिदान का गुणगान किया।
सफीदों, नगर की सामाजिक संस्था उड़ान ट्रस्ट गु्रप के तत्वावधान में गुरु गोबिंद सिंह जी के चारो साहिबजादों की शहादत की याद में श्री सुखमणि साहिब जी का पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की महिला विंग की अध्यक्षा ज्योति थनई ने की। वहीं श्री हरी कृष्ण गुरुद्वारा मंडली ने यहां पहुंचकर श्री सुखमणि साहिब का पाठ किया और गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चारो साहिबजादों की वीरता की ऐतिहासिक कहानियां गाकर सुनाई और उनके बलिदान का गुणगान किया।
अपने संबोधन में ज्योति थनई ने चारों साहिबजादों की शहादत को नमन करते हुए कहा कि हमें इन बच्चों के बलिदान को भूलना नहीं चाहिए। गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों ने मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके और अपनी शहादत दे दी। दशमेश पिता गुरू गोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहीदी को कोई नहीं भुला सकता है, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए महान शहादत दी। अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बच्चों ने अपने आस्था की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
यह उनके पराक्रम को याद करने का दिन है और यह जानने का भी दिन है कि कैसे उनकी निर्मम हत्या की गई। सरसा नदी के तट पर एक लड़ाई के दौरान साहिबजादों को मुगल सेना ने बंदी बना लिया था। इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर उन्हें छोटी सी उम्र में दीवारों में चिनवा दिया गया था। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में मनाकर साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। बलिदान का ये दिन समस्त देशवासियों को अन्याय के विरुद्ध लडऩे की शक्ति प्रदान करता रहेगा।