एस• के• मित्तल
जींद,
पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया की पहल से आज
नरवाना एएसपी कार्यालय में आज फ्री नेत्र-जांच तथा नेत्र दान जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया जिसमे 150 से ज्यादा लोगो ने अपनी आंखों की जांच करवाई और उनको नेत्र दान – महादान के बारे में जागरूक किया गया।
इस कैंप के दौरान डॉक्टर दीपक मित्तल, आई स्पेशलिस्ट/सर्जन तथा उनकी टीम ने बड़े सहज और सरल तरीके से नेत्रदान के बारे में लोगो की भ्रांतियां दूर की। साथ ही बताया कि स्कूली बच्चों के साथ साथ पूरे परिवार का वर्ष में कम से कम एक बार हेल्थ चैकअप अवश्य करवाया जाना चाहिए। जिससे समय रहते आंखों का इलाज संभव हो सके। उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद कोई भी व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है। इसके लिए पहले ही संकल्प पत्र दाखिल करना होता है। मृत्यु के बाद किसी भी व्यक्ति की छह से आठ घंटे तक आंखें दान की जा सकती हैं। एक व्यक्ति की आंखें दो लोगों की जिंदगी रोशन कर सकती हैं।
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इसलिए हमें नेत्रदान का संकल्प लेना चाहिए तथा अपने सगे संबंधियों को भी ज्यादा से ज्यादा इस बारे में प्रेरित करना चाहिए। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक जींद नरेंद्र बिजारनिया ने कहा कि नेत्रदान – महादान है। एक व्यक्ति द्वारा दान किए गए उसके नेत्र से किसी अन्य व्यक्ति की जिंदगी रोशनी से भर सकती है। इसलिए नेत्रदान के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु विशेष अभियान चलाया गया है।
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पुलिस की समाज के हरेक क्षेत्र में उपयोगिता को देखते हुए नेत्र दान के प्रति जागरूकता फैलाने में भी एक अहम रोल अदा करने की अपेक्षा की जा रही है क्योंकि मृत्यु के वक्त अधिकतर मौके विशेषकर अप्राकृतिक मृत्यु के केसो में, ऐसे होते है जहां पुलिस तथा डॉक्टर्स ही ज्यादा समय परिवार जनों के संपर्क में होते है जिस कारण उनको नेत्र दान के बारे में जागरूक करके नेत्र दान करवा सकते है।