पुलिस-ग्रामीण विवाद- साढ़े 4 घंटे बाद सहमति: मांगों पर सहमति के बाद जींद-सफीदों रोड पर जाम खोला; पोस्टमार्टम के बाद सौंपा शव

 

 

हरियाणा के जींद में सफीदों से सटे गांव खेड़ा खेमावती में सीआईए टीम को देखकर जोहड़ में कूद कर हुई गोविंदा की मौत के मामले में परिजनों और प्रशासन के बीच दोपहर बाद सहमति बन गई। इससे बाद साढ़े 4 घंटे से जाम सफीदों-असंध मार्ग को यातायात के लिए खाले दिया गया। एसडीएम सत्यवान मान और पुलिस के अन्य अधिकारी ग्रामीणों को समझाने में लगे थे। मांगे माने जाने के आश्वासन पर परिजनों व ग्रामीणों ने जाम खोल दिया।

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बताया गया है कि शनिवार सुबह पुलिस गांव में आई और उनकी ओर मामले में पैरवी कर रहे गांव के ही एडवोकेट नरेश सोलंकी को उठाकर ले गई। इससे आहत ग्रामीणों ने सफीदों-असंध मार्ग को फिर से जाम कर दिया। जाम की सूचना पाकर एसडीएम सत्यवान मान, डीएसपी आशीष कुमार, डीएसपी रवि खुंडिया, सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार व सदर थाना प्रभारी धर्मबीर सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को काफी समझाया-बुझाया लेकिन ग्रामीण नहीं माने।

जजपा नेता ने की मध्यस्थता

इसी बीच जेजेपी जिलाध्यक्ष कृष्ण राठी मौके पर पहुंचे और इस मामले में मध्यस्थता की। कृष्ण राठी ने प्रशासन, परिजनों व ग्रामीणों की गांव में ही किसी स्थान पर एक बैठक की। इस बैठक में कुछ सहमति बनने के बाद परिजनों ने जाम खोल दिया तथा वहां से परिजन व अन्य ग्रामीण सीधे नगर के नागरिक अस्पताल में पहुंच गए। परिजनों की मांग थी कि जब तक छापामार टीम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए, मृतक परिजनों को सहायता राशि व सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाई जाए। जब तक ये मांग पूरी नहीं होती तब तक वो जाम नहीं खोलेंगे।

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अब कैसे करेंगे गुजारा- पत्नी

नागरिक अस्पताल में मृतक की पत्नी तनूजा का कहना था कि उसके सिर से पति तथा बच्चों के ऊपर से बाप का साया उठ गया है। उसका व उसके दो छोटे-छोटे बच्चों का कैसे जीवन यापन कैसे होगा। प्रशासन और पुलिस इस मामले को दबाने के फिराक में है। उन्हें शासन और प्रशासन से न्याय की दरकार है। वकील नरेश सोलंकी ने जब उनकी पैरवी करने की कोशिश की तो पुलिस ने उसे ही गांव से उठवा लिया। इस सारे मामले को पुलिस डरा धमकाकर रफा दफा करने पर तुली हुई है। जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगी।

खेड़ा खेमावती विवाद में तैनात पुलिस।

खेड़ा खेमावती विवाद में तैनात पुलिस।

अब किसको बांधू मैं राखी

मृतक की एक बहन सीमा का कहना था कि पांच बहनों पर गोविंदा उनका इकलौता भाई था। पुलिस ने उनके एकमात्र सहारे को उनसे छीन लिया है। अभी कुछ ही दिनों में रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है वे अब किसकी कलाई पर अपनी राखी बांधेगी। गोविंदा की मौत से पूरा परिवार सदमे में है।

डीसी से बात हो गई, न्याय मिलेगा

वहीं दोपहर बाद एडवोकेट नरेश सोलंकी नागरिक अस्पताल में पहुंचकर बताया कि पुलिस ने सुबह ने ही उसे कस्टडी में ले लिया था और उसे अब छोड़ा गया है। वहीं नागरिक अस्पताल में जेजेपी जिलाध्यक्ष कृष्ण राठी ने बताया कि प्रशासन व परिवार के बीच सहमति बन चुकी है। इसके अलावा उपायुक्त जींद से उनकी बात हो चुकी है। परिवार के सदस्यों को नौकरी, ज्यादा से ज्यादा मुआवजा व जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन परिवार को दिया गया है तथा परिवार पूरी तरह से सहमत है।

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शव पोस्टमार्टम के बाद वारिसों को सौंपा​​​​​​​

डीएसपी रवि ने बताया कि प्रशासन व परिवार के लोगों के बीच बातचीत हो चुकी है। मुआवजा राशि व सरकारी नौकरी को लेकर आपस में सहमति बन चुकी है। शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंपा दिया है। उन्होंने एडवोकेट नरेश सोलंकी के हिरासत में लेने के प्रश्न पर कहा कि पुलिस ने किसी को भी हिरासत में नहीं लिया है। रात को पुलिस के ऊपर पथराव हुआ है तथा पुलिस के गाड़ियां भी तोड़ी गई है।

यह है मामला

शुक्रवार को सीआईए स्टाफ सफीदों को सूचना मिली थी कि गांव खेड़ाखेमावती में कुछ युवक जुआ खेल रहे हैं। सूचना के आधार पर सीआईए स्टाफ छापेमारी करने मौके पर पहुंची तो पुलिस पार्टी को देख जुआ खेल रहे युवक नजदीक तालाब में कूद गए। इस दौरान तीन युवक सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए जबकि 25 वर्षीय गोविंदा डूब गया था। ग्रामीणों ने चालक सिपाही सुरेंद्र को बंधक बना लिया था। जिसे देर रात पुलिस गांव से निकाल ले गई थी। ग्रामीणों ने गोविंदा को तालाब से निकाल अस्पताल पहुंचाया गया जहां पर उसकी मौत हो गई थी।

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