हरियाणा में अंबाला के साथ-साथ कुरुक्षेत्र और यमुनानगर सीमा को कवर करने वाला कैंट का फायर ब्रिगेड विभाग स्टाफ की किल्लत से जूझ रहा है। हालात ऐसे बने हुए हैं कि इमरजेंसी में भी कर्मचारियों को छुट्टी लेते वक्त सोचना पड़ रहा है। यहां फायर बिग्रेड की 12 गाड़ियों पर मात्र 4 चालक सेवाएं दे रहे हैं।
फायर मैन को खुद दौड़ानी पड़ती है गाड़ी
कर्मचारियों का कहना है कि दमकल केंद्र में मात्र 4 चालक सेवाएं दे रहे हैं। गत दिवस ही हार्ट अटैक से एक चालक की मौत हो गई। कहीं आग लगने की बड़ी घटना होने पर फायर मैन को खुद गाड़ी दौड़ाकर ले जानी पड़ती है।
इमरजेंसी में भी नहीं मिलती छुट्टी
कर्मचारियों ने बताया कि स्टाफ की कमी के चलते कर्मचारियों को इमरजेंसी में भी छुट्टी नहीं मिलती। कर्मचारी कई बार भर्ती करने की मांग उठा चुके हैं। अगर कहीं भीषण आग लगती है तो उस पर काबू पाना मुश्किल होगा। मौजूदा समय में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में संबंधित विभाग के कर्मचारी भी चिंतित हैं।
लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए विभाग निरन्तर प्रयासरत्त
एक गाड़ी में होना चाहिए 6 कर्मियों का स्टाफ
गाड़ियों की कमी के साथ-साथ फायर ब्रिगेड के पास स्टाफ का भी टोटा है। नियमानुसार एक गाड़ी पर 6 कर्मचारियों का स्टाफ होना चाहिए। प्रत्येक गाड़ी को तीन शिफ्टों में प्रयोग किया जाता है। इन सभी गाड़ियों पर भी अगर पूरे स्टाफ की बात की जाए तो तीनों शिफ्टों में 72 कर्मचारियों की संख्या होनी चाहिए।