एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव अंटा की नहर में डूब जाने वाले 8 वर्षीय बच्चे नेहार का शव आखिकार 50 घंटे की मेहनत के बाद गांव बास (हिसार) के पास मिल गया है। बता दें कि गांव अंटा का बच्चा नेहार शौच करने के बाद हाथ धोने के लिए नहर के किनारे उतरा था लेकिन वह अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरा था।
इस घटनाक्रम के बाद पीछे से नहर का पानी बंद करवाकर ग्रामीणों व पुलिस ने मानव श्रृंखला बनाकर अगले दिन तक सर्च अभियान चलाया लेकिन नेहार का कोई भी पता नहीं लगा था। उसके बाद करनाल से गोताखोर को भी बुलाकर उसकी तलाश करवाई गई लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। आखिर थक हारकर परिजनों व पुलिस ने सर्च अभियान बंद कर दिया था। लेकिन परिजनों का मन नहीं माना और वे गांव के कुछ लोगों को साथ लेकर रविवार सुबह फिर से बाइकों पर सवार होकर नदी की पटरी-पटरी नेहार को खोजने के लिए निकल पड़े।
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रास्ते भर में मिलने वाले लोगों से वे नेहार के बारे में पूछते हुए आगे बढ़ते गए तो किसी ने हांसी के पास रामकली झाल पर नहा रहे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि सुबह 6 बजे यहां से एक बॉडी नहर में बहती हुई दिखाई दी है। जिस पर परिजनों ने हांसी पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर हांसी पुलिस मौके पर पहुंची और नेहार को तलाशने के लिए परिजनों के साथ पुलिस की राइडर भी साथ चली। कुछ आगे बढऩे के बाद फिर से किसी ने बताया कि एक बच्चे की बॉडी नहर में जाती हुई दिखाई दी है। आखिरकार परिजनों व पुलिस को उस वक्त सफलता मिली जब देर सांय नेहार का शव गांव बांस (हिसार) के पास बह रही सुंदर ब्रांच नहर में मिल गया। पुलिस ने बच्चे के शव को अपने कब्जे में लिया। पुलिस ने परिजनों को शव की पहचान करवाई और उसके बाद पोस्टमार्टम के लिए नेहार के शव को नागरिक अस्पताल हांसी ले जाया गया।
वहां पर पोस्टमार्टम के बाद नेहार का शव परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने नेहार के शव को गांव अंटा लाकर अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना को लेकर परिवार का काफी सदमें में था और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव के लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे। बता दें कि नेहार अपनी बड़ी बहनों पर इकलौता भाई और परिवार का दुलारा था। नेहार गांव अंटा के राजकीय स्कूल की पांचवी कक्षा का छात्र था।