DCGI ने 4 साल से कम उम्र के बच्चों को सर्दी और खांसी होने पर कफ सिरप के देने पर बैन लगा दिया है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सर्दी और खांसी के कफ सिरप के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। साथ ही दवाओं को लेबल किए जाने का आदेश दिया है।
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दुनियाभर में भारतीय में बने कफ सिरप के इस्तेमाल के बाद 141 बच्चों की मौत होने के बात सामने आने के चलते DGCI ने यह फैसला लिया है।
DCGI ने 18 दिसंबर को फिक्सड ड्रग्स कॉम्बिनेशन (FDC) को लेकर सभी राज्यों को एक लेटर लिखा। इसमें दो दवाओं क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के कॉकटेल (मिश्रण) का उपयोग करके बनाए गए सिरप की पैकेजिंग पर इसी के मुताबिक लेबलिंग करने को कहा है।
लेटर में कंपनियों को अपने प्रोडक्ट में चेतावनी में ‘FDC का इस्तेमाल 4 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाए’ लिखने का आदेश दिया गया है।
इन दवाओं के मिश्रण से तैयार किए गए सिरप या गोलियों का इस्तेमाल सामान्य सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है।
WHO भी पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में खांसी और सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए ओवर-द-काउंटर खांसी सिरप या दवाओं का उपयोग करने से मना करता है।
70 बच्चों की मौत का था आरोप
साल 2022 में मेडन फार्मा के 4 सिरप से कथित तौर पर लगभग 70 बच्चों की मौत का आरोप था। इसमें 5 साल से भी कम उम्र के बच्चों की मौत हुई थी। सारी मौतों की वजह किडनी इंजरी बताई गई थी। गांबिया सरकार ने जांच में पाया था कि भारतीय कंपनी की बनी दवाई से मौतें हुई है। मौतों में लक्षण एक जैसे थे।
उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि भारत में बना कफ सिरप देने की वजह से उनके देश में 18 बच्चों की मौत हुई थी। उज्बेक हेल्थ मिनिस्ट्री ने नोएडा के मेरियन बायोटेक में बना कफ सिरप DOK-1 MAX पीने से बच्चों की जान जाने का दावा किया था।