24 घंटे का अल्टीमेटम: गिरफ्तारी न होने पर पटियाला चौक 3 घंटे जाम आरोप-20 हजार उधार, वसूल रहे थे 80 हजार

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जींद. पटियाला चौक पर जाम लगा रहे परिजनों से बातचीत करते सीटीएम अमित कुमार व डीएसपी रोहताश। धरना खत्म करने के बाद शव को गाड़ी में घर लेकर जाते परिजन।

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फाइनेंसर द्वारा मारपीट के बाद हुई हकीकत नगर निवासी युवक कमल सेतिया की मौत के मामले में शनिवार को परिजनों और लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी, मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग को लेकर शव रखकर पटियाला चौक जाम कर दिया। सभी रास्तों पर रस्सी बांध दी तथा वाहन खड़ा कर दिया। इससे हांसी, बरवाला, नरवाना तथा कैथल रोड पर यातायात रूक गया।

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पटियाला चौक के आसपास वाहन फंस गए। बाकी वाहनों को बाहर की तरफ से निकाला गया। सूचना पर एएसपी अर्श वर्मा, डीएसपी रोहताश ढुल पहुंचे और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तार का आश्वासन दिया लेकिन परिजन नहीं माने। उसके बाद पहुंचे सीटीएम अमित कुमार ने कार्रवाई और परिवार की मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया तो तीन घंटे के बाद परिजन जाम खोलने को राजी हो गए, लेकिन शव का अंतिम संस्कार नहीं किया।

परिजनों का कहना है कि कमल फाइनेंसर से मात्र 20 हजार उधार लिए थे, जिसके उसने 80 हजार रुपए बना दिया। इसकी वसूली के लिए रोज टॉर्चर किया जाता था। चेतावनी दी कि यदि 24 घंटे में गिरफ्तारी नहीं हुई तो फिर शव रखकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।

इससे पहले मृतक कमल सेतिया का सिविल अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस ने फाइनेंसर अजय व अन्य के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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एक दिन पहले दी थी धमकी, आरोपियों ने कमल की छाती पर मारा व मुंह बंद कर दिया

उसके भाई कमल ने फाइनेंसर अजय से 20 हजार लिए थे। उसके 80 हजार रुपए बना लिए थे। वसूली के लिए कमल को रोज टॉर्चर किया जाता था। फाइनेंसर को कुछ दिए थे। एक-डेढ़ माह से पैसे नहीं दे पा रहा था। एक दिन पहले फाइनेंसर ने उसकी दुकान आकर धमकी दी थी।

शनिवार को कमल कपड़ा बेचकर आ रहा था तो रास्ते में फाइनेंसर अजय दो साथियों के साथ उसकी मोपेड छीन ली। कमल भागकर दुकान पर आया। वे भी आ गए और कमल की छाती पर मारा और उसका मुंह बंद कर दिया। उसने छुड़ाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक कमल नीचे गिर गया तो वे भाग गए।

कमल को अस्पताल लाए तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फाइनेंसर चार हजार रुपए प्रति माह लेता था। फाइनेंस ली गई राशि पर ब्याज पर ब्याज लगाता था। दस हजार रुपए के प्रतिदिन के 200 रुपए लेता था।
-जैसा मृतक कमल के भाई पंकज ने बताया

एक एंबुलेंस को भेजा, दूसरी खाली एंबुलेंस वापस भेजी

जाम के दौरान एक एंबुलेंस जाम में फंस गई। इस दौरान एंबुलेंस को रास्ता दिया गया और आगे जाने दिया गया। दोपहर को फिर एक एंबुलेंस पहुंची, लेकिन वह खाली थी। इसके चलते उस वापस मोड़ दिया गया और मंडी की तरफ से जाने को बोला गया।

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जाम खुलते ही ट्राला चालक हुआ गायब, करना पड़ा इंतजार

जाम खोलने पर पुलिस ने ट्रैफिक को रवाना करना शुरू किया। इस दौरान शहर की तरफ मुख्य मार्ग पर एक ट्राला खड़ा हुआ था, लेकिन उसमें ड्राइवर नहीं था। इससे पीछे जाम लंबा होता चला गया। लगभग 10 मिनट बाद ट्राला चालक पहुंचा और उसे हटाने के बाद राहत मिली।

शव न देने पर परिजन हुए नाराज

जाम लगने के बाद सिविल अस्पताल से शव ले जाने के लिए खड़े थे। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम शुरू कर दी थी, लेकिन पुलिस की तरफ से शव नहीं सौंपा जा रहा था। इससे परिजन काफी गुस्सा हो गए। इसके बाद पोस्टमार्टम रूम खुलवाया गया और शव दिलाया गया। उसके बाद एंबुलेंस में शव को पटियाला चौक पर लाकर बाक्स में रख दिया गया।

 

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