करनाल के राइस मिलों में धान की जांच शुरू: तीन से चार राइस मिलों में गड़बड़ी की आशंका, परमाल धान की बोरियों में मिला बारीक धान

राइस मिलों में धान की बोरियों की जांच के लिए जिला स्तर पर गठित की गई जांच टीमों ने असंध की तरफ रुख कर लिया है। सुत्रों की मानें तो असंध की तीन-चार राइस मिलों में परमल धान के स्थान पर बारीक धान बोरियों में मिली है। परमल धान कहां गई और किसने यह धांधली की और कौन-कौन इस गड़बड़झाला में संलिप्त है, इसकी जांच करेगी। लेकिन जांच कितनी निष्पक्षता और पारदर्शिता से होगी, यह अभी समय के गर्भ में है, क्योंकि कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव के कारण जांच और कार्रवाई के नाम पर लागलपेट देखने को मिल रही है। राइस मिलों में धान का घोटाला सामने आ रहा है और यह घोटाला अकेला राइस मिल नहीं कर सकता। आखिर किसकी सह पर यह कारगुजारी चल रही थी, यह बड़ा सवाल है।

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हरियाणा के करनाल जिले की राइस मिलों और मंडियों में गड़बड़ी उजागर हो रही है। अनियमितताएं सामने आने के बाद करनाल मंडी के अधिकारी व कर्मचारी भी नपे है। करनाल, घरौंडा, जुंडला के राइस मिलों को खंगालने के बाद जांच टीमों के रडार पर असंध की राइस मिले आ चुकी है। असंध में राइस मिलो की जांच के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों की कमेटियों का गठन किया गया है। इन टीमों को जिले भर के करीब 330 राइस मिलो की जांच करनी है। शनिवार को जांच का दूसरा दिन था दूसरे दिन तक जांच टीमों ने 15 राइस मिलों की जांच की है। इनमें से तीन-चार राइस मिलों में गड़बड़ी पाई गई है। इन राइस मिलों में परमल धान की जगह बारीक धान मिली है।

राइस मिलों में धान की जांच करती टीमें।

राइस मिलों में धान की जांच करती टीमें।

मार्किटिंग बोर्ड के अधिकारी की दस्तक

पंचकूला से मार्किटिंग बोर्ड के अधिकारी मानव मलिक ने करनाल, असंध, घरौंडा मंडियों के रिकॉर्ड को खंगाला। धान का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद करनाल मंडी के आठ अधिकारियों पर गाज गिरी और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन जुंडला मंडी और घरौंडा मंडी में भी मानव मलिक द्वारा रिकॉर्ड को खंगाला गया था, अनियमितता वहां पर भी पाई गई। 44 मिनट में 49 गेटपास का मामलों भी उजागर हुआ, लेकिन कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया।

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43 हजार क्विंटल के गेट पास कैसे हो गए रद्द

सूत्रों की माने तो मार्किटिंग बोर्ड के अधिकारी मानव मलिक ने 13 नवंबर को धान फर्जीवाड़े को लेकर असंध की मंडी में रिकॉर्ड की भी जांच की थी। जिसमें सामने आया था कि असंध मंडी के मार्किट कमेटी सचिव द्वारा 43 हजार क्विंटल के गेट पास काटे गए है, लेकिन बाद में सचिव ने इन गेटपासों को रद्द कर लिया। लेकिन ऐसा क्यों किया गया, यह कहीं ना कहीं बड़ा सवाल है, लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि मार्किट कमेटी सचिव के पास ऐसी कोई पावर नहीं होती है कि वह 43 हजार क्विंटल के धान गेटपासों को अपने आप रद्द कर सके।

सवालों के घेरे में मार्किट कमेटी के अधिकारी भी है और जांच अधिकारी भी। क्योंकि अगर इस तरह का मामला सामने आया तो सचिव के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। क्यों अच्छी तरह से जांच नहीं की गई। अगर अधिकारियों द्वारा सही तरीके से जांच अमल में लाई गई होती तो जिस तरह से करनाल मंडी के अधिकारियों पर गाज गिरी है उसी तरह से घरौंडा, असंध और जुंडला मंडी में अधिकारी लपेटे में आते। चर्चाओं का बाजार गर्म है और कहीं कहीं राजनीतिक दबाव पड़ने की भी बातें सामने आ रही है। जब सीएम सिटी में ऐसा हो रहा है तो अन्य जिलों के क्या हालात होंगे इसका अंदाजा यही से लगाया जा सकता है।

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दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से उठाया है मुद्दा

दैनिक भास्कर ने मंडियों और राइस मिलों में उजागर हो रही इन गड़बडियों को प्रमुखता से उठाया है। साथ ही अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए है। ऐसे में भास्कर की खबर का इतना असर देखने को मिल रहा है कि मंडी प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। क्योंकि जो लोग घोटालेबाज है उनमें डर होना लाजमी है। लेकिन ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ना ले पाना, कहीं ना कहीं जांच टीमों या फिर प्रशासनिक अधिकारियों को कमजोर दिखता है। अब जांच टीमें लगी हुई है। अब देखना यह होगा कि कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति ही होती रहेगी या फिर करनाल मंडी की तरह दूसरी मंडियों में भी प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई के नाम पर धमाका करेंगे।

घरौंडा मंडी में जांच करने पहुंचे अधिकारी मानव मलिक की फाइल फोटो।

घरौंडा मंडी में जांच करने पहुंचे अधिकारी मानव मलिक की फाइल फोटो।

करनाल में हुए धान घोटाले पर बोले डिप्टी CM

शनिवार शाम को उचाना पहुंचे डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने करनाल में हुए धान घोटाले को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा कि जुंडला के अंदर CM फ्लाइंग से जांच करवाई गई थी । जहां पर कई स्कूटर नंबरों पर पोस्ट परचेसिंग की गई थी और उसको तुरंत रोक लिया गया था, उसके बाद तुरंत ही प्रदेश भर में सभी डिप्टी कमिश्नर की ड्यूटी लगाई गई थी कि जिस भी व्हीकल का नंबर दिया गया है उसको ट्रेसबैक किया जाए 9 जिलों की रिपोर्ट आ चुकी है जहां पर कहीं भी यह सामने नहीं आया कि बिलिंग में किसी तरह की गड़बड़ हुई हो । अगर 13 जिलों के अंदर भी इसी तरह का कोई मामला सामने आता है तो संबंधित वाहन चालक या वाहन मालिक के खिलाफ नियमों के हिसाब से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और जहां तक धान परचेज की बात आई है उसके अंदर मार्केटिंग बोर्ड गेट पास और एग्जिट गेट पास निकालता है और मार्केटिंग बोर्ड के जो अधिकारी धान घोटाले में सम्मिलित थे उन को निलंबित कर दिया गया है और 2 अधिकारियों को टर्मिनेट भी किया गया है ।

सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वचनबद्ध

​​​​​​​शनिवार शाम को यमुनानगर पहुंचे कृषि मंत्री ने अपने बयान में कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वचनबद्ध है और भ्रष्टाचार का जो भी मामला सामने आया है उस पर कार्रवाई की गई है और सरकार ने जो भी घोटाले के मामले सामने आए हैं उनकी जांच की है और संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है मेरा फसल मेरा ब्योरा पोर्टल शुरू होने के बावजूद भी सामने आ रहे घोटालों पर कृषि मंत्री ने कहा कि जो भी नए चीज शुरू होती है उसका कुछ लोग फायदा उठा रहे हैं और दुरुपयोग कर रहे हैं लेकिन दुरुपयोग करने वाला के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है और आने वाले समय में इनके खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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