जीजेयू एचएसबी के 15वें व्यवसाय प्रबंधन विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित अतिथिगण एवं प्रतिभागी।
अब देश के छोटे-छोटे शहरों और गांव से भी लोग नए बिजनेस आइडियाज सामने ला रहे हैं और उनको फंडिंग भी मिल रही है। यह बात जीजेयू हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के 15वें व्यवसाय प्रबंधन विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के पैनल डिस्कशन में सामने आई।
सम्मेलन के दूसरे दिन स्टार्टअप्स : चैलेंजेज एंड रोड अहेड’ पर विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों ने चर्चा की।
एचएसबी व सम्मेलन के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने बताया कि प्रतिभागियों को व्यवसाय एवं प्रबंधन विषय पर नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई। उद्योगों की जरूरत व समाज की अपेक्षाओं के मद्देनजर व्यवसायिक प्रबंधन में शोध के नये विषयों पर भी चर्चा की गई। एचएसबी के डीन व सम्मेलन के उपनिदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने बताया कि सम्मेलन में शोधार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स, अंतरराष्ट्रीय व्यापार व सर्विस सेक्टर पर नए-नए विचार प्रस्तुत किए। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय उद्योगों की समस्याओं व सम्भावित समाधान पर भी कई सत्रों में चर्चा की गई है।
इस अवसर पर सम्मेलन के संयोजक डाॅ. सुरेश भाकर, डाॅ. विजेंद्र पाल सैनी, जीजेयू अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. एनके बिश्नोई, सौरभ कालरा, प्रो. शबनम सक्सेना, प्रो. सुनीता रानी, प्रो. गुरुचरण सिंह, डाॅ. कविता चौहान, प्रो. अतुल ढींगड़ा, प्रो. सत्यवान बरोड़ा, प्रो. मंजीत सिंह, प्रो. लक्ष्मी मलोडिया, प्रो. एससी कुंडू, प्रो. सुनीता भरतवाल, प्रो. अमित मित्तल, डाॅ. राकेश शाहनी, प्रो. संदीप राणा, प्रो. निर्मला चौधरी, प्रो. एचएल वर्मा, प्रो. एमएस तुरान व प्रो. अनिल खुराना, प्राे. संजीव, डाॅ. मणीश्रेष्ठ और डाॅ. प्रेरणा टूटेजा उपस्थित रहे।
आइडिया काे बिजनेस में बदलने के लिए चाहिए स्केलेबिलिटी व सप्लाई चेन : अर्जुन केडिया
स्टार्टअप्स विशेषज्ञ अर्जुन केडिया ने वर्तमान परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए बताया कि किसी भी आइडिया को बिजनेस में बदलने के लिए कुछ बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जैसे कि आइडिया की विशिष्टता, स्केलेबिलिटी, सप्लाई चेन व सरकारी नियम। प्रो. एनके बिश्नोई ने बताया कि हमें ये देखना चाहिए कि कितने नए स्टार्टअप्स रजिस्टर हुए और उनमें से कितने आज की गला काट प्रतियोगिता में सफल रहे। इसके अलावा उन्होंने महंगाई का बिजनेस पर असर भी समझाया। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा।
150 शाेधपत्र प्रस्तुत किए
सम्मेलन में 25 तकनीकी सत्रों के माध्यम से 200 से भी अधिक प्रतिभागियों ने भागीदारी की। सम्मेलन में 50 से भी अधिक विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों व शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। देश के विभिन्न राज्यों से 150 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इनमें से 58 उच्चतम गुणवत्ता के शोध पत्रों को एक कॉन्फ्रेंस एडिटेड बुक के रूप में प्रकाशित किया गया है।