आज शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन है। पहले 2 दिनों में आपने एक टीचर और आल्हा गायिका की कहानियां पढ़ीं। आज बात चित्रकूट की रहने वाली रामलली की। वह रामलली जिसे बुंदेलखंड के पठार में लोग किसी देवी से कम नहीं मानते। उनकी बहादुरी के किस्से आज भी चित्रकूट के घर-घर में सुनाए जाते हैं।
‘बंदूक वाली माई’ के नाम से पहचानी जाने वाली रामलली ने कभी
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