10 अस्पतालों में 300 मरीजों को बांटते हैं खिचड़ी: पर्यावरण प्रदूषित न हो इसके लिए  पत्तल के डोंगे और लकड़ी की  चम्मच में परोसी जाती है खिचड़ी

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अस्पतालों में खिचड़ी का वितरण करते हुए।

समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके कार्य को लोग ताउम्र याद कर रखते हैं। ऐसे ही शख्स हैं श्रीराधा-कृष्ण बड़ा मंदिर के महंत पंडित राहुल शर्मा। उन्होंने 3 माह पहले अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों को बेबस देखा तो देसी घी से तैयार खिचड़ी प्रसाद की मुहिम शुरू की।

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रोज उनकी टीम के 30 से अधिक सदस्य शहर के 10 अस्पतालों में 300 से 400 मरीजों और तीमारदारों को नि:शुल्क खिचड़ी प्रसाद उपलब्ध कराते हैं। यही नहीं, पर्यावरण प्रदूषित न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जाता है। इसके लिए मरीजों और तीमारदारों को पत्तल के डोंगे और लकड़ी की चम्मच में खिचड़ी दी जाती है। मुहिम से लगातार शहर के लोग जुड़ते ही जा रहे हैं।

मुहिम में इनका रहता है अहम योगदान

श्रीराधा-कृष्ण बड़ा मंदिर के महंत पंडित राहुल शर्मा के अलावा दीक्षित बंसल, देवेंद्र, इंद्रजीत गोगिया, रजत कंसल, मनोज बंसल, दर्शना बंसल, कुसुम गोयल, मधु मंडन, रजनी बंसल, कपिल गोयल, किशोर पाहुजा, राहुल गर्ग, सुनीता प्रवीण, ललित, डाॅ. संगीता शर्मा, सुरेंद्र, अनिल और राकेश कमरा मुहिम से जुड़े।

मरीज और तीमारदारों को बेबस देखा शाम को खिचड़ी नहीं हो पाती उपलब्ध

राहुल शर्मा ने बताया कि उन्होंने देखा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को डॉक्टर शाम के समय खिचड़ी का सेवन करने की सलाह देते हैं मगर अधिकतर अस्पतालों के आसपास खिचड़ी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती। यदि उपलब्ध होती भी है तो एक प्लेट के ₹50 तक लिये जाते हैं। मरीजों और तीमारदारों की इसी बेबसी को देखते हुए 3 माह पहले शहर के 30 से अधिक अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मंदिर में ही खिचड़ी प्रसाद की शुरुआत की गई।

खिचड़ी में देसी घी के अलावा हल्दी, जीरा, अजवाइन, मूंग की दाल आदि मिलाई जाती है। रोज करीब 300 मरीजों और तीमारदारों के लिए शाम के समय 6:00 बजे से खिचड़ी का वितरण किया जाता है। अब तक 35 हजार से अधिक लोगों को खिचड़ी का वितरण किया जा चुका है।

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