हाथियों की मौत पर अंतरिम याचिका से CJI नाराज: कहा- हजारों अहम मुद्दे होंगे, सभी को सुनने लगे तो कोर्ट ठप पड़ जाएगा

 

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में मंगलवार को केरल में बंदी हाथियों की मौत से जुड़ी एक अंतरिम याचिका पहुंची। CJI ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि ध्यान खींचने वाले हजार मुद्दे अहम हो सकते हैं लेकिन जिनसे सुप्रीम कोर्ट का काम ठप हो जाए, हम उनकी सुनवाई नहीं कर सकते।

राहुल गांधी से लड़कियों ने पूछा- शादी क्यों नहीं की: कांग्रेस सांसद बोले- काम में इतना उलझा कि इसके बारे में सोच ही नहीं पाया

जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने यह भी कहा कि ये लोकल केस हैं जिन्हें हाईकोर्ट निपटा सकता है। यदि हाईकोर्ट कोई बड़ी गलती करते हैं तो उन्हें सुधारने के लिए हम यहां बैठे हैं। लेकिन आप जानते हैं कि हम देश कैसे चला सकते हैं।

CJI ने कहा- देश में सुप्रीम कोर्ट की क्या भूमिका है? आप जानते हैं, हमें पूरे देश में उठने वाले मुद्दों के माइक्रो मैनेजमेंट से नहीं निपटना है। यदि हाईकोर्ट कोई गलती करता है तो हम उस गलती को सुधारेंगे।

वकील ने तत्काल सुनवाई की मांग की, तब आया CJI का कमेंट
सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह ने केरल में नियमों का उल्लंघन कर बंदी बनाए गए हाथियों की मौत का मुद्दा उठाया और तत्काल सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा- फरवरी 2019 से नवंबर 2022 के बीच ज्यादा काम होने और मामले की उपेक्षा के कारण केरल में 135 से अधिक बंदी हाथियों की मौत हो गई।

इस पर CJI ने डांटते हुए कहा कि वकील शिकायत लेकर हाईकोर्ट जाएं, क्योंकि वहां के जज हालात और उनके असर से वाकिफ हैं।

सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंचा हाथियों की मौत का मामला
केरल में बंदी हाथियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। साल 2008 में यहां करीब 900 बंदी हाथी थे, लेकिन अब केवल 448 हाथी ही बचे हैं। बीते 5 साल में 115 बंदी हाथियों की मौत हुई है। इसके पीछे कारण बताते हुए हैरिटेज एनिमल टास्क फोर्स के सचिव वीके वेंकटचलम कहते हैं कि जो हाथी बंदी हैं, उनके खिलाफ क्रूरता बढ़ती जा रही है।

केरल में हर साल औसतन 25 बंदी हाथियों की मौत होती है। केरल वन विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि बंदी हाथियों की मौत का सबसे बड़ा कारण उनके मालिकों द्वारा किया जा रहा खराब व्यवहार है।

CJI लंबित पड़े मामलों में लग रही अंतरिम याचिकाओं से खफा हुए
दरअसल चीफ जस्टिस लंबित पड़े मामलों में बेहिसाब ढंग से लगाई जा रही अंतरिम याचिकाओं से नाराज थे। उन्होंने कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट की भूमिका समझें। CJI ने कहा कि ऐसी अंतरिम याचिकाओं पर विचार करना संभव नहीं होगा। रिट याचिके लिस्टेड पर ही इंटरवीनर को सुना जा सकता है। हाथियों के मौत के मामले की सुनवाई दिसंबर के लिस्ट की गई है।

 

खबरें और भी हैं…

.
ज्वैलर्स की तिजोरी काटकर लाखों के गहनों पर हाथ साफ करने का मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए तीनों चोर, दुकान की पिछली गली से दाखिल हुए थे चोर

.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!