पुलिस की गार्द ने पहुंचकर दी सलामी
एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव भुसलाना निवासी मृत्तक हवलदार ईश्वर गुज्जर का पूरे सम्मान के साथ गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर पानीपत से पहुंची पुलिस की गार्द ने हवलदार ईश्वर गुज्जर को विधिवत सलामी दी और अपने साथी को अंतिम विदाई दी। बता दें कि हवलदार ईश्वर गुर्जर (50) जिला पानीपत की नारा चौंकी में तैनात था। वह पिछले 4 दिनों से छुट्टी पर घर आया हुआ था।
सफीदों, उपमंडल के गांव भुसलाना निवासी मृत्तक हवलदार ईश्वर गुज्जर का पूरे सम्मान के साथ गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर पानीपत से पहुंची पुलिस की गार्द ने हवलदार ईश्वर गुज्जर को विधिवत सलामी दी और अपने साथी को अंतिम विदाई दी। बता दें कि हवलदार ईश्वर गुर्जर (50) जिला पानीपत की नारा चौंकी में तैनात था। वह पिछले 4 दिनों से छुट्टी पर घर आया हुआ था।
रात को वह बाथरूम में गया तो वह वहीं गिर गए। गिरने के उनका सिर दीवार में लगा और सिर में अंदरूनी रूप से खून का रिसाव हो गया। ईश्वर को तत्काल पानीपत के प्रेम हस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां पर इलाज के दौरान बार-बार अटैक आने के कारण उनका देहांत हो गया। हवलदार ईश्वर गुर्जर के शव को उनके पैतृक गांव भुसलाना में लाया गया। उनके देंहात का समाचार पाकर पूरे गांव में शौक की लहर दौड़ गई तथा उनके घर पर संवेदना प्रकट करने वालों को तांता लग गया। ईश्वर गुज्जर का का पूरे सम्मान के साथ गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। पानीपत पुलिस की गार्द ने मौके पर पहुंचकर मातमी धून बजाकर, शस्त्र झुकाकर व हवाई फायर करके ईश्वर गुज्जर को सलामी दी। उल्लेखनीय है कि हवलदार ईश्वर गुर्जर इस इलाके के बड़े समाजसेवी स्व: चौधरी धुम्मन सिंह चेची के पोते तथा पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य के भतीजे थे।
अपने शोक संदेश में पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने कहा कि ईश्वर गुज्जर एक कर्मठ व ईमानदार पुलिस कर्मचारी होने के साथ-साथ पूरे परिवार का लाड़ले थे जिसकी भरपाई होना बेहद मुश्किल है। गौरतलब है कि ईश्वर गुज्जर की वर्ष 1994 में बतौर सिपाही नियुक्ति हुई थी तथा वह परमोशन पाकर हवलदार बने थे। ईश्वर गुज्जर अपने पीछे पत्नी, दो लड़के व एक लड़की छोड़कर गए हैं।