हरियाणा के रोहतक की अदालत ने हत्यारे को दोषी करार देते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही हत्या के मामले में 15 हजार व पहचान मिटाने के मामले में 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हत्या की इस वारदात को दोषी गांव भगवतीपुर निवासी राकेश उर्फ बैध ने बदनामी करने के चलते षड्यंत्र के तहत हत्या की थी और शव को नहर में फेंक दिया था। जो शव हिसार में मिला।
प्रभारी थाना लाखन माजरा निरीक्षक रणबीर सिंह ने बताया कि 5 सितंबर 2012 को भगवतीपुर निवासी जगत ने अपने भाई राजेन्द्र उर्फ राजू की गुमशुदगी होने बारे शिकायत दर्ज करवाई थी। इसी दौरान हिसार के थाना उकलाना एरिया मे एक लाश मिली। जांच के दौरान उस लाश की पहचान भगवतीपुर निवासी राजेन्द्र उर्फ राजू के रुप मे हुई।
जिसके बाद मृतक के भाई की शिकायत के आधार पर आरोपी राकेश उर्फ बैध व पंजाब उर्फ पप्पल के खिलाफ हत्या व शव खुर्दबुर्द करने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में जुट गई। जांच के दौरान वारादात मे शामिल रहे आरोपी भगवतीपुर निवासी राकेश उर्फ बैध को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी राकेश उर्फ बैध को राजेन्द्र उर्फ राजू की हत्या करने मे दोषी मानते हुए अतिरिक्त सैशन जज राजकुमार यादव की अदालत ने सजा दी गई है। आरोपी को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा व 15 हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 201 के तहत 3 साल की सजा व 5 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है।
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यह था मामला
पुलिस के अनुसार राकेश ने रंजिश रखते हुए हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उसका राजेंद्र के साथ 5 हजार रुपये को लेकर झगड़ा हो गया था। इस झगड़े के बाद राजेंद्र ने गांव में गांव में राकेश की बदनामी की। जिसके कारण राकेश ने षड्यंत्र के तहत यह कदम उठाया।