सरकारी योजनाओं से महरूम घुमंतु जाति के लोग

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बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद नहीं बन पा रहे आधार कार्ड
जन्म प्रमाण पत्र के बिना उनके बच्चों को नहीं मिल रहे स्कूलों में दाखिले

एस• के• मित्तल 
सफीदों,      सफीदों क्षेत्र के घुमंतु जाति के लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से महरूम है। इसके पीछे सबसे बड़ा करण उनके आधार कार्ड नहीं बन पाना है। घुमंतु जाति के अनेक परिवार अपने-अपने आधार कार्ड बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों व आधार कार्ड केंद्रों के चक्कर काट चुके है लेकिन हर बार परिणाम शून्य रहता है। आधार कार्ड बनाने वाले उनसे जन्म प्रमाण पत्र मांगते हैं जोकि उनके पास नहीं हैं।
सोमवार को नगर के मिनी सचिवालय के आधार कार्ड केंद्र पर अपने बच्चों के साथ लेकर आए घुमंतु जाति के फोटू, सुनीता व पूनम समेत अनेक लोगों ने बताया कि वे घुमंतु जाति से संबंध रखते हैं और उनका कोई पक्का ठोर-ठिकाना नहीं है। इधर-उधर घूम-घुमाकर मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं लेकिन उन्हे किसी भी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण उनके आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाना है। उनका तो पता ही नहीं की उनका जन्म कहां पर हुआ और उनके बच्चों की पैदाईश जहां पर वे रह रहे थे वहां पर हुई थी। उनके बच्चों के जन्म का कोई सरकारी व स्वास्थ्य विभाग में कोई रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड ना होने के कारण उन्हे उचित स्वास्थ्य सेवाएं, राशन व आवास योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है।
यहां तक कि उन्हे छोटे-छोटे बच्चों का आजतक कोई वैक्सीनेशन नहीं हुआ है और ना ही स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी उनके पास पहुंचा है। अगर वैक्सीनेशन के अभाव में उनके बच्चों को कोई गंभीर बीमारी लग गई तो इसका कौन जिम्मेवार होगा। इसके अलावा उनके बच्चो शिक्षा से भी महरूम है। सरकार ने हर नागरिक को शिक्षा का अधिकार दिया है लेकिन उनके बच्चे शिक्षा से वंचित है। वे अपने बच्चों को स्कूल में दाखिल करवाने के लिए जाते हैं तो उन्हे आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र के बिना दाखिला नहीं दिया जाता है।
स्वास्थ्य सेवाएं ना मिलने के कारण वे मेडीकल स्टोरों या नीजि अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि वे अधिकारियों के यहां चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं लेकिन कहीं से भी उनको सकारात्मक जवाब नहीं मिला। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की कि उनके आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र बनवाएं जाएं ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
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