एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की नहर पटरी स्थित स्थित गुरूद्वारा में बाबा दीप सिंह का शहीदी दिवस मनाया गया। इस मौके पर कई राज्यों से सिख संगत इक_ा हुई और बाबा दीप सिंह को नमन किया। वहीं रागी-टाढ़ी जत्थों ने यहां पर पहुंचकर बाबा दीप सिंह के बलिदान गाथा का वर्णन किया।
नारनौल में बादलों से ढ़का रहा आसमान: अधिकतम-न्यूनतम तापमान में गिरावट; अब छाने लगेगा हल्का कोहरा
इस समागम की अध्यक्षता बाबा बूढ़ा दल के मुखिया एवं जत्थेदार 96वें करोड़ी बाबा बलबीर सिंह ने की। अपने-अपने संबोधन में सिख जत्थेदारों ने कहा कि बाबा दीप सिंह मुगलों की 20000 फौज के साथ लड़े थे। जिनकी खुद की फौज 500 से 700 थी। मुगलों के साथ लड़ते-लड़ते उनका शीश कलम हो गया था। उन्होंने अपने शीश को हाथ में लेकर उसे गोल्डन टेंपल में अर्पण किया और मुगलों को शीश कलम होने के बाद भी लड़कर भगाया।
बाबा दीप सिंह महाराज अनोखे अमर शहीद थे, जिन्होंने सभी धर्मों के लोगों की भलाई के लिए हमेशा आगे बढ़कर काम किया और जालिमों का नाश किया। बाबा दीप सिंह समाज के सभी वर्गों को आपस में जोडऩे के लिए हमेशा आगे बढ़कर काम करते रहे। सिख धर्म को भी मजबूत करने के लिए उन्होंने दुनिया भर में प्रचार किया