एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों क्षेत्र के गांव बुड्ढाखेड़ा के जैविक किसान धर्मवीर (52)ने अपने खेत की 2 कनाल जमीन में तमिलनाडु के प्रगतिशील किसान कृष्ण राव द्वारा ईजाद की गई श्री विधि से धान की रोपाई आज की है। इसमें उसकी पत्नी सुनीता (50) ने भी साथ दिया।
सफीदों, सफीदों क्षेत्र के गांव बुड्ढाखेड़ा के जैविक किसान धर्मवीर (52)ने अपने खेत की 2 कनाल जमीन में तमिलनाडु के प्रगतिशील किसान कृष्ण राव द्वारा ईजाद की गई श्री विधि से धान की रोपाई आज की है। इसमें उसकी पत्नी सुनीता (50) ने भी साथ दिया।
धर्मबीर ने बताया कि उत्तर भारत में इस विधि से किसान खेती नहीं कर रहे हैं जबकि तमिलनाडु के कृष्ण राव का दावा है कि इससे पैदावार में बीस प्रतिशत वृद्धि होती है और उपज की गुणवत्ता भी बेहतर रहती है। दोनों में अंतर करते हुए धर्मवीर ने बताया कि इस विधि में पौधे से पौधे की दूरी करीब 6 इंच व लाइन से लाइन की दूरी 10 इंच रखी जाती है और केवल 11 दिन की नर्सरी की रोपाई की जाती है जबकि सामान्य तौर पर लोग ज्यादा उम्र की पनीरी की रोपाई करते हैं।
उसने बताया कि उसने केवल ट्रायल के लिए 2 कनाल में इस विधि के तहत रोपाई की है ताकि पता चले और फायदा रहने पर दूसरे किसानों को बताया जा सके। उसने बताया कि इसमें उसने 6 क्विन्टल घनजीवामृत व 200 लीटर जीवामृत का प्रयोग किया है। धर्मबीर पिल्लूखेड़ा जैविक किसान समूह का सक्रिय सदस्य है जो जैविक गुड़, शक्कर व खांड बनाने को जैविक गन्ना भी उगाता है।