शिमला के हलोग धामी में दिवाली के अगले दिन पत्थर का खेल खेला गया। पत्थर मेले की इस अनोखी परंपरा को पूरे उत्साह और जोश से निभाया गया। शारड़ा चबूतरे के दोनों ओर खड़ी जठोती और जमोगी की टोलियों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। करीब आधे घंटे चली इस पत्थरबाजी में जठोती के अक्षय वर्मा और जमोगी के दलीप वर्मा को पत्थर लगा और परंपरा पूरी हुई। इन दोनों के सिर से निकले खून से भद्रकाली के मंदिर में जाकर तिलक किया गया। दोनों को प्राथमिक उपचार दिया गया। ढोल नगाड़ों के साथ मेला समाप्त किया गया। इस मेले में करीब डेढ़ सौ युवाओं ने भाग लिया, वहीं हजारों की भीड़ ने खेल देखने आई। मेले के कारण इलाके का ट्रैफिक बंद किया गया। पत्थरबाजी से पहले शोभायात्रा भी निकाली गई।