यमुनानगर. हरियाणा स्कूल बोर्ड के इतिहास के पाठ्यक्रम (History Syllabus) में वीर सावरकर सहित प्रदेश के कई महापुरूषों की गाथा इतिहास की पुस्तकों में विस्तार से पढ़ाने के अलावा नौवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में अब बच्चों को पढ़ाया जाएगा, कि देश का विभाजन कांग्रेस ने करवाया था. इस संबंध में हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब देश की आजादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी और जब देश को आजादी मिली उस समय जैसी भी परस्थितियां थी सभी को पता है.
हर कोई जानता है कि 1947 में किसकी सरकार थी. जब इतिहास लिखा जाएगा तो वैसा ही लिखा जाएगा जैसा था. इसके लिए अमेरिका को जिम्मेदार नही ठहराया जा सकता. शिक्षा मंत्री ने कहा कि उस समय की सरकार की मजबूरी हो सकती है. इस पर सवाल उठ सकते हैं, कुछ लोग पक्ष में हो सकतें हैं, कुछ नहीं, लेकिन इतिहास तो इतिहास है. वह तो वैसे ही पढ़ाया जाएगा.
कांग्रेस नेतृत्व की शिथिलता और सत्ता का लालच
बता दें कि हिंदी में अपलोड की गई पुस्तक के अध्याय में कहा गया कि कांग्रेस ने तब महसूस किया कि शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, देश के विभाजन को स्वीकार करना आवश्यक है. इसमें यह भी कहा गया कि देश के विभाजन के पीछे अन्य प्रमुख कारणों में कांग्रेस नेतृत्व की शिथिलता और सत्ता का लालच था. किताब में कहा गया, “कांग्रेस नेतृत्व की शिथिलता… वे और संघर्ष के लिए तैयार नहीं थे. कुछ कांग्रेसी नेता आजादी के तुरंत बाद सत्ता का स्वाद चखना चाहते थे.”
किताब के एक खंड में यह भी कहा गया है कि अगर दोनों देशों के बीच शांति सुनिश्चित करने के लिए बंटवारा जरूरी था तो आज तक शांति स्थापित क्यों नहीं हो पाई.
जगबीर सिंह ने कहा था- इतिहास की घटनाएं जैसी घटित हुईं वैसे ही बताया
एचबीएसई के अध्यक्ष प्रो. जगबीर सिंह ने कहा कि किताब इतिहास की घटनाओं को उसी तरह बताती है जैसे वे घटित हुईं. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक की विख्यात इतिहासकारों ने समीक्षा की है. सिंह ने कहा कि किताब को मौजूदा शैक्षणिक सत्र से पढ़ाया जाएगा.
कांग्रेस के “तुष्टिकरण” वाले खंड पर टिप्पणी करते हुए, हरियाणा कांग्रेस नेता और राज्य की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी की भूमिका के बारे में हर कोई जानता है. उन्होंने कहा, “तथ्यों को वैसे ही बताया जाना चाहिए जैसे वे हैं, लेकिन अगर इन्हें तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाए, तो बच्चों को वास्तविकता का पता नहीं चलेगा.”
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Tags: Haryana education, Haryana news
FIRST PUBLISHED : May 12, 2022, 20:36 IST
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