एस• के• मित्तल
सफीदों, महिलाओं को समर्पित संस्था वूमेन एरा फाऊंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि समाजसेवी एवं शिक्षाविद् नरेश बराड़ व समाजसेविका उषा बराड़ ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की फाऊंडर गीतांजलि कंसल ने की। इस मौके पर अतिथियों का बुके देकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर संस्था की ओर से महिलाओं को सम्मानित करके समाज में उनके योगदान को नमन किया गया। इसके साथ-साथ संस्था के द्वारा संचालित सैंटर पर कोर्स को पूरा करने वाली लड़कियों को डिप्लोमे प्रदान किए गए।
सफीदों, महिलाओं को समर्पित संस्था वूमेन एरा फाऊंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि समाजसेवी एवं शिक्षाविद् नरेश बराड़ व समाजसेविका उषा बराड़ ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की फाऊंडर गीतांजलि कंसल ने की। इस मौके पर अतिथियों का बुके देकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर संस्था की ओर से महिलाओं को सम्मानित करके समाज में उनके योगदान को नमन किया गया। इसके साथ-साथ संस्था के द्वारा संचालित सैंटर पर कोर्स को पूरा करने वाली लड़कियों को डिप्लोमे प्रदान किए गए।
वहीं महिलाओं के द्वारा “औरत कोमल है कमजोर नहीं” विषय पर दी गई प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। अपने संबोधन में मुख्यातिथि समाजसेवी एवं शिक्षाविद् नरेश बराड़ ने उपस्थित सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि महिला दिवस को मनाने का उद्देश्य महिलाओं को समाज में बराबरी का हक दिलाना है। स्वास्थ्य से लेकर घर, ऑफिस, कार्यस्थल पर उनके साथ पूरी बराबरी का व्यवहार हो, यह तय करना है।
आज के परिवेश में महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ मिलकर काम कर रही है और किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नहीं हैं। समाज में नारी केे योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि आज के दौर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ उन्हे अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक होना होगा। कार्यक्रम के समापन पर अतिथियों का समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।