सेव फरीदाबाद समेत अन्य संगठन हो रहे लामबंद, कहा बगैर बिल के सरकार एडवांस राशि कैसे ले सकती है। (फाइल फोटो)
बिजली विभाग द्वारा अग्रिम जमा राशि जमा कराने के आदेश पर शहर के कई संगठन लामबंद हो रहे हैं। उनका कहना है कि सिक्योरिटी जमा होने के बाद भी विभाग चार महीने का एडवांस राशि कैसे वसूल कर सकता है। ये गैरकानूनी है। इस आदेश को वापस लिया जाए। अन्यथा संगठन के लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सेव फरीदाबाद के संयोजक पारस भारद्वाज ने कहा है कि बिजली बिल में लग कर आ रही अग्रिम जमा राशि को सरकार वापिस ले। अग्रिम जमा राशि जनता के ऊपर एक कुठाराघात बताते हुए इसको जनविरोधी और औचित्यहीन नीति बताया। उन्होंने कहा कि 2020 में हरियाणा विद्युत् विनियामक आयोग ने 2016 के अपने एक नियम का हवाला देते हुए हरियाणा के उपभोक्ताओं पर अग्रिम जमा राशि का अतिरिक्त बोझ डालने का आदेश दिया था। इस नियम के हिसाब से उपभोक्ता के एक साल के बिजली के बिल को संख्या 12 से भाग कर के एक महीने का औसत बिल निकाला जाएगा। फिर इस बिल को संख्या 4 से गुणा करके दो चक्रों की देय राशि की गणना की जायेगी। फिर इसे उपभोक्ता के बिजली बिल में जोड़ कर वसूली जायेगी।
बिजली विभाग द्वारा जारी किया गया बिजली का बिल
पारस भारद्वाज का कहना है कि मीटर लगवाते समय पहले से ही सिक्योरिटी डिपाजिट के नाम पर बिजली विभाग जमा कराता है। उनका आरोप है कि अब चार महीने की अग्रिम राशि जमा करवाकर सरकार मध्यमवर्गीय व गरीब परिवारों की कमर तोड़ना चाहती है। सरकार हरियाणा की जनता को चोर समझती है। क्योंकि बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह राशि इसलिए इकठ्ठा की जा रही है जिससे कि यदि कोई उपभोक्ता बिजली का बिल बिना भरे शहर छोड़ के भाग जाता है तो बिजली विभाग का नुक्सान ना हो। उन्हाेंने कहा कि जल्द ही संस्था सभी जनप्रतिनिधियों और सम्बंधित अधिकारियों को एक ज्ञापन देगी। यदि सुनवाई नहीं होती है तो मामले को न्यायालय ले कर जाएगी।
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