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एस• के• मित्तल
सफीदों, एक विधवा के जीवन पर आधारित बनी फिल्म मेहंदी तेरे नाम की के प्रमोशन के लिए कलाकार सफीदों पहुंचे। फिल्म के राइटर, डायरेक्टर व अभिनेता आशु मलिक एवं हीरोइन राधा सिंह अपनी टीम के साथ सफीदों पहुंचकर लोगों को फिल्म की पृष्ठभूमि से अवगत करवाया।
फिल्म के डायरेक्टर आशु मलिक ने बताया कि यह फिल्म 22 अप्रैल को रिलीज हो चुकी है और इसे यू-ट्यूब ओटीटी और सिनेप्लेक्स पर देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म एक विधवा के जीवन पर आधारित है। फिल्म में एक विधवा समाज में अपना कैसे जीवन यापन करती है, किस प्रकार से उसके साथ अमानवीयता बरती जाती है तथा कैसे पति की मृत्यु का दुख सहन करती है आदि सबकुछ चित्रण किया गया है। आशु मलिक ने बताया कि फिल्म के सभी किरदार बेहतरीन है तथा सबने अपना किरदार निभाने में बहुत मेहनत की है।
इस फिल्म के निर्माण के लिए उन्होंने स्वयं कई स्थानों पर जाकर एक विधवा के जीवन को जानने का प्रयास किया। फिल्म का ज्यादातर हिस्सा हरियाणा के हांसी, गांव ढ़ाणी कलां व पानीपत शहर के दो स्थानों पर फिल्माया गया है। वहीं फिल्म की अभिनेत्री राधा सिंह ने बताया कि एक विधवा का रोल प्ले करना उनके लिए काफी मुश्किल भरा था। जिस दिन मैने फिल्म ज्वाईन की थी उस दिन से मेकअप का डिब्बा साईड कर दिया था। राधा सिंह ने कहा एक विधवा होना उस औरत की गलती नहीं होती बल्कि यह तो भगवान के हाथ में होता है लेकिन समाज उसके साथ ज्यादती करता है तथा उसे ताने मारता है।
यहां तक कि उसे मंदिर जाने, रंगीन कपड़े पहनने व मनपसंद खाना खाने तक से रोक दिया जाता है। एक पुरूष की अगर पत्नी का देहांत हो जाता है तो वह कुछ ही महीनों में शादी कर लेता है और एक औरत के पति का देहांत होता है तो उसे वर्षों तक शादी नहीं करनी दी जाती है और उसे उपेक्षित छोड़ दिया जाता है। यह फिल्म लोगों को नारी खासकर विधवाओं का सम्मान करने की सीख प्रदान करती है और हर किसी को यह फिल्म देखनी चाहिए।
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