अनाज मंडी में पहुंचा गेहूं
हरियाणा के मंडियों में फसलों की आवक तेज हो चुकी है। लेकिन सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। सरकार द्वारा किसानों का दाना-दाना समय पर खरीदने का दावा किया गया था। लेकिन किसानों का कहना है कि सरकार के दावे हवाई थे। खरीद प्रक्रिया धीमी है।
गेहूं की बात करें तो सैकड़ों किसान पहुंचने लग गए हैं। हजारों क्विंटल गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है। लेकिन अभी तक ठीक प्रकार से खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। अनाज मंडी के आढ़ती डिंपल ने कहा कि हजारों क्विंटल गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है। लेकिन खरीद नहीं हुई। जिसके कारण किसान परेशान है। जल्द से जल्द खरीद प्रक्रिया तेज शुरू की जाएगी।
अनाज मंडी में पहुंचा गेहूं
2801 मीट्रिक टन सरसों खरीदी
बता दें कि जिला में विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा सरसों की भी खरीद की जा रही है। जिला की चार मंडियों में अब तक की 2801 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। अब तक कलानौर मंडी में हैफेड द्वारा 307 मीट्रिक टन, महम मंडी में 1775 मीट्रिक टन, रोहतक मंडी में 36 मीट्रिक टन तथा सांपला मंडी में 683 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है।
नमी बन रही बाधा
मंडियों में गेहूं व सरसों की आवक तेज हो गई है। लेकिन निर्धारित मात्रा से अधिक नमी होने के कारण खरीद प्रक्रिया में बाधा बन रही है। किसानों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। खासकर सरसों के किसानों को। नमी अधिक होने के कारण फसलों की खरीद नहीं की जाती। ऐसे में किसानों को मंडी में ही अपनी फसल सुखानी पड़ती है और रखवाली का जिम्मा भी उनके कंधों पर ही होता है।
बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से नुकसान
पिछले दिनो हुई बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि के कारण फसलों में काफी नुकसान हुआ था। गेहूं की फसल को बिछ गई थी। जो फसल मौसम की मार से बची उसकी लावणी व कढ़ाई काम किसान कर रहे हैं। बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि के कारण पैदावार भी प्रभावित हो रही है। जिसके कारण किसान भी चिंतित हैं।
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