रेल हादसों को रोकने के लिए कवच सिस्टम का ट्रायल: मथुरा-पलवल के बीच 140 किमी/घंटे की रफ्तार पर हुई टेस्टिंग

 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिसंबर 2022 में कहा था कि देशभर के रेलवे नेटवर्क में कवच सिस्टम लागू किया जा रहा है।

भारतीय रेलवे ने पहली बार 140 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर कवच सिस्टम का ट्रायल किया है। ये ट्रायल मथुरा और पलवल के बीच 30 दिसंबर को किया गया। इस सिस्टम को ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए तैयार किया गया है। किसी इमरजेंसी की स्थिति में अगर ड्राइवर ब्रेक नहीं मार पाता है, तो ये सिस्टम ऑटोमैटिकली ब्रेक लगाएगा।

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इससे पहले कवच सिस्टम के तीन ट्रायल किए गए थे। ये तीनों ही ट्रायल 130 किमी/घंटे की रफ्तार पर साउथ सेंट्रल रेलवे के तीन सेक्शंस में किए गए थे। उनमें पॉजिटिव नतीजे देखने को मिले थे।

देशभर के रेल नेटवर्क में लगाया जाएगा कवच सिस्टम
आगरा डिविजन की PRO प्रशस्ती श्रीवास्तव ने बताया कि ताजा ट्रायल के नतीजे बेहद अच्छे रहे हैं। उनसे हमें आगे और ट्रायल करने की उम्मीद मिली है। हम इस रिपोर्ट को रिसर्च डिजाइन और स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (RDSO) के साथ मिलकर डिटेल मे स्टडी करेंगे और सुधार करेंगे। RDSO ने ही कवच सिस्टम को डेवलप किया है। इसे देशभर के रेल नेटवर्क में लगाया जाना है।

160 किमी/घंटे तक की रफ्तार पर भी होंगे ट्रायल
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, इस सिस्टम की उपयोगिता को जांचने के लिए और भी ट्रायल करने की जरूरत हो सकती है। अगर इस सिस्टम के सभी पैरामीटर 140 किमी/घंटे पर अच्छे से काम कर रहे हैं, तो हम 160 किमी/घंटे तक की रफ्तार पर ट्रायल करेंगे।
प्रशस्ती श्रीवास्तव ने कहा कि मथुरा और पलवल के बीच 80 किमी के दायरे में (मथुरा स्टेशन को छोड़कर) पूरा कवच नेटवर्क तैयार किया गया। इसके तहत स्टेशन एरिया और कई अन्य जगहों पर रेलवे ट्रैक पर RFID टैग्स लगाए थे।

साउथ सेंट्रल रेलवे के तीन सेक्शंस में लगाया गया कवच सिस्टम
RDSO अधिकारियों ने बताया कि देशभर के सभी रेल नेटवर्क्स में से दिल्ली और आगरा के बीच का तीन टुकड़ों में 125 किमी का स्ट्रेच ऐसा है, जहां ट्रेन अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। इस स्पेशल ट्रैक को भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस के लिए बिछाया गया था। इस ट्रेन को अप्रैल 2016 में लॉन्च किया गया था। ये देश की पहली ट्रेन है जो 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।

रेलवे के मुताबिक, कवच सिस्टम साउथ सेंट्रल रेलवे के तीन सेक्शंस में 1,465 किमी के रूट और 139 लोकोमोटिव्स में लगाया गया है। हालांकि, यहां स्पीड लिमिट कम है, इसलिए ये ट्रायल नहीं किया जा सकता है। दिल्ली-आगरा स्ट्रेच के अलावा, बाकी पूरे देश के रेल नेटवर्क में ट्रेनें अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं।

 

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