सेना के जवान और अफसरों पर रिटायरमेंट के बाद भी आर्मी एक्ट के विशेष प्रावधानों में कोर्ट मार्शल की कार्रवाई शुरू हो सकती है। ऐसी ही एक कार्रवाई का सामना रिटायर आर्मी कर्नल को करना पड़ रहा है। उन पर उनके साथ अटैच रहे नायब सूबेदार की पत्नी के साथ अवैध संबंध बनाने का आरोप है। मामले में नायब सूबेदार ने इस कर्नल की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आर्मी वाइव्स’ वेलफेयर एसोसिएशन(AWWA), चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और GOC दिल्ली एरिया को भी दी थी। दायर शिकायत में शुरू हुई जांच के दौरान आरोपी कर्नल रिटायर हो गया था मगर आर्मी एक्ट के संबंधित प्रावधानों के तहत उस पर जनरल कोर्ट मार्शल(GCM) की कार्रवाई शुरू की गई है।
आरोपी कर्नल इंडियन आर्मी में जून, 1990 में ज्वाइन हुआ था। वह वर्ष 2018-19 में सेक्रेटरी जनरल एक्वेस्ट्रियन फेडरेशन ऑफ इंडिया(EFI) था।
राहत नहीं मिली
आरोपी अफसर ने दो बार आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल(AFT) में पहुंच आर्मी द्वारा उसके खिलाफ की जा रही कार्रवाई के खिलाफ राहत मांगी थी। उसने दलील दी थी कि कथित आरोपों पर अब कार्रवाई नहीं हो सकती। हालांकि ट्रिब्यूनल ने उसकी मांग को रद्द कर दिया था।
सूबेदार और ससुर में समझौता करवाया था
जानकारी के मुताबिक नायब सूबेदार आर्मी हैडक्वार्टर में कर्नल के साथ कार्यरत था। सूबेदार का एक महिला के साथ कोई मुद्दा था जिसके साथ बाद में उसने शादी कर ली थी। वहीं कर्नल ने कथित रूप से नायब सूबेदार और उसके ससुर के बीच मध्यस्थता की थी और दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझाया था। इससे पहले ससुर ने सूबेदार के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी थी।
वॉट्सऐप चैट से अवैध संबंधों का दावा
सितंबर से नवंबर, 2019 के बीच नायब सूबेदार ने पाया कि उसकी पत्नी और कर्नल के बीच अवैध संबंध है। इसे लेकर उसने दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें वॉट्सऐप संदेश, CDs, आदि भी पेश किए थे। मामले में कर्नल के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आर्मी वाइव्स’ वेलफेयर एसोसिएशन(AWWA), चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और GOC दिल्ली एरिया को शिकायतें दी थी।
ऐसे में GOC दिल्ली एरिया ने जनवरी, 2020 में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी(COI) के आदेश दिए थे। प्रथम दृष्टता में सामने आई जानकारी के आधार पर अप्रैल, 2021 में ‘समरी ऑफ एविडेंस’ ली गई थी। जनवरी, 2023 में GCM के तहत ट्रायल शुरू किया गया था।
विशेष प्रावधानों को तहत कार्रवाई शुरू की
कर्नल ने आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल की प्रिंसिपल बैंच में राहत के लिए पहुंच की जिसमें उसके खिलाफ शुरु की गई कार्रवाई को रद्द करने की मांग की। उसने कहा कि आर्मी एक्ट की धारा 122 के तहत तय समय के काफी बाद इस तरह की कार्रवाई शुरू की गई है। उसकी रिटायरमेंट के बाद विशेष प्रावधानों को तहत एक्ट की धारा 123 के अंतर्गत उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई।
माफी मांगने की बात ‘छिपाई’
कर्नल ने कहा था कि गैर कानूनी ढंग से धारा 123 को उसके खिलाफ इस्तेमाल किया गया। उसे नहीं पता कि उसके खिलाफ क्या शिकायत थी और किस कारण से कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि AFT ने उसकी बहस को रद्द कर दिया। AFT ने कहा कि सामने आए आरोपों को लेकर की गई कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद ही यह कार्रवाई शुरू हुई है। कर्नल ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में भाग लिया था और प्रतीत होता है कि उसने एक बात को छिपाया है जिसमें उसने 20 अगस्त, 2020 को बिना शर्त माफी की बात भी कही थी।
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