कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तेलंगाना में चुनावी दौरे पर हैं। गुरुवार (2 नवंबर) को उन्होंने अम्बाटपल्ली में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री केसीआर ने जनता का जितना पैसा चोरी किया है, कांग्रेस सबको उतना पैसा लौटाएगी।
राहुल गांधी ने कहा- महिलाएं राज्य के भविष्य की देखभाल करती हैं। हमारे बच्चों की देखभाल करती हैं। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी तो महिलाओं के बैंक अकाउंट में हर महीने 2500 रुपए भेजा जाएगा।
1000 रुपए का सिलेंडर 500 रुपए में मिलेगा। पब्लिक बसों में महिलाओं फ्री में सफर कर सकेंगी। उनके ट्रैवल का 500 से 1000 रुपए बचेगा। इस तरह महिलाओं को हर महीने 4000 रुपए का फायदा होगा।
KCR सीएम पद को BYE-BYE बोलेंगे, फिर लूटे गए पैसे पर सवाल पूछा जाएगा
राहुल ने कहा कि पिछले 10 साल में तेलंगाना पर जनता का नहीं सिर्फ एक परिवार का राज है।
इससे पहले बुधवार को भी राहुल ने मुख्यमंत्री केसीआर पर हमला बोला। कलवाकुर्थी में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा- मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं। जब वादा करता हूं तो उसे पूरा करके दिखाता हूं।
BJP के नेता यहां आकर कहते हैं कि हम OBC मुख्यमंत्री बनाएंगे। अरे भई! यहां आपको 2% वोट मिलेगा, मुख्यमंत्री कैसे बनाओगे? KCR पहले मुख्यमंत्री पद को BYE-BYE बोलेंगे, फिर इनसे जनता से लूटे गए पैसे पर सवाल पूछा जाएगा।
तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग, 3 दिसंबर को रिजल्ट
चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर को मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इन राज्यों में चुनावी प्रक्रिया 27 दिन चलेगी। सबसे पहले मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान होगा। इसके बाद मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। फिर 25 नवंबर को राजस्थान और 30 नवंबर को तेलंगाना में वोट डाले जाएंगे। सभी 5 राज्यों में एक साथ 3 दिसंबर को रिजल्ट आएंगे। पूरी खबर पढ़ें…
2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 सीटें मिली थीं
तेलंगाना में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 सीटें मिली थीं। BJP के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी। मौजूदा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS (2022 को पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति से बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया) को सबसे ज्यादा 88 सीट मिली थीं।
मौजूदा स्थिति की बात करें तो सत्ताधारी पार्टी के पास इस वक्त 119 विधानसभा सीटों में से 101 विधायक हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के पास 7 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास पांच, भाजपा के पास तीन, AIFB के पास एक, एक नॉमिनेटेड और एक निर्दलीय विधायक है।