राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया बोलीं: मासिक धर्म में बच्चियों के लिए यूनिफॉर्म न बने शर्मिंदगी का कारण, ऐसी हो स्कूलों की यूनिफार्म

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फरीदाबाद। अभीषा जैन और मुक्ता शर्मा द्वारा रचित “मेरा लाल कण” पुस्तक का विमोचन करतीं हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया।

महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हरियाणा राज्य महिला आयोग सख्ती से कदम उठा रहा है। कई मामलों में आयोग के हस्तक्षेप के बाद ही पीड़ित महिलाओं और बच्चियों को इंसाफ मिला है। यह बात हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने कही। वे रविवार को अरावली गोल्फ क्लब में लेखिका अभीषा जैन और मुक्ता शर्मा द्वारा रचित “मेरा लाल कण” पुस्तक का विमोचन कर रही थीं। यह पुस्तक महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म के बारे में बहुत कुछ बताती है। इस पुस्तक में बहुत ऐसी बातें हैं जिनसे समाज क्या महिलाएं भी बेखबर हैं। नए जमाने में महिलाओं की जरूरतों को समाज को समझाने के लिए इस पुस्तक में लेखिकाओं ने कोशिश की है।

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बच्चियों की यूनिफॉर्म गहरे रंग की हो:

इस दौरान रेणु भाटिया ने कहाकि स्कूल और कॉलेजों में अगर कोई किसी लड़की को पीरियड्स की समस्या के लिए छेड़ता है तो बर्दाश्त करने योग्य कदम नहीं है। यह भी बॉडी शेमिंग या यौन अपराध की तरह दंडनीय होना चाहिए। रेणु भाटिया ने स्कूल और कॉलेज प्रबंधन से अनुरोध किया कि बच्चियों की यूनिफॉर्म गहरे रंग की चुनी जाए। जिससे किसी बच्ची को पीरियड्स की समस्या हो और यूनिफार्म पर निशान लग भी जाएं तो दिखाई न दें। उन्होंने कहा स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि बच्चियों के लिए वर्दी किसी भी तरह की शर्मिंदगी का कारण न बनने दी जाए। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष मीनू गुप्ता ने कहा कि धार्मिक गुरु धार्मिक प्रथाओं के नाम पर महिलाओं को नियंत्रित करना बंद करें और उनका सम्मान करना शुरू करें। क्योंकि वह भी किसी महिला की कोख से ही आए हैं।

होटलों को पीरियड फ्रेंडली होना चाहिए:

कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं लिटरेसी इंडिया की कप्तान इंद्राणी सिंह ने कहा कि सभी छोटे या बड़े होटलों को पीरियड फ्रेंडली होना चाहिए और अन्य पऱ्साधन सामग्री की तरह सैनिटरी नैपकिन भी प्रत्येक कमरे में रखे जाने चाहिए। कार्यक्रम में पुस्तक की लेखिका अभीषा जैन ने बताया कि समाज महिलाओं को भावनात्मक मूर्ख कहना बंद करे। वास्तव में ये भावनाएं प्यार को महसूस करने, बच्चे को जन्म देने, पालने और हर किसी को प्यार और अपनेपन का अनुभव करने के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। अगर महिलाएं भावनाविहीन ही गईं तो आपको व आपके बच्चों को प्रेम और निस्वार्थ सेवा कौन देगा। बल्कि अब तो पुरुषों को और थोड़ा प्रेम और अपनापन दिखाना चाहिए। क्योंकि एकल परिवारों में महिलाएं बच्चों को बड़ा करते हुए कभी-कभी बहुत अकेला और असहाय महसूस करती हैं। कार्यक्रम का संचालन आरजे फहीम आज़ाद ने किया। कार्यक्रम में अमित जैन, अभय जैन, सुलोचना जैन, कमलेश जैन सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।

 

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