जुंडला अनाज मंडी में धान का रिकार्ड चेक करती CM फ्लाइंग टीम की फाइल फोटो।
हरियाणा के जिले करनाल की जुंडला मंडी में धान घोटाले मामला उजागर होते ही एक तरफ जहां कल मंडी सचिव पवन कुमार को मंडी बोर्ड द्वारा सस्पेंड कया है वहीं अब DFSC विभाग हरकत में आ गया है। DFSC अनिल कुमार ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर गौरव को खरीद कार्य से हटा दिया है। इतना ही नहीं खरीद प्रक्रिया की देखरेख की जिम्मेदारी थामे AFSO जसबीर सिंह, सब इंस्पेक्टर राजीव व इंस्पेक्टर गौरव के खिलाफ विभाग के हेड क्वार्टर चंडीगढ़ में पत्र भेजा है।
आनन फानन में हुई इस कार्रवाई को महज खानापूर्ति बताया जा रहा है ताकि मामले को किसी तरह से ठंडे बस्ते में डाला जा सके। अब बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जुंडला मंडी के सचिव पवन चोपड़ा को मार्केटिंग बोर्ड द्वारा निलंबित कर दिया गया है, तो इसी प्रकरण से जुड़ी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों के साथ नरमी क्यों बरती जा रही है। कही ना कहीं निष्पक्ष जांच की आवश्यकता इस पूरे मामले में होनी चाहिए, क्योंकि इस मामले की जड़े बहुत गहरी है। यह गाज सिर्फ सचिव तक नहीं बल्कि अन्य अधिकारियों पर भी गिर सकती है, बशर्ते जांच निष्पक्ष हो।
जुंडला के राइस मिलों जांच करती CM फ्लाइंग टीम की फाइल फोटो।
ऐसे समझिए फर्जीवाड़ा
जिले के राइस मिलर समर्थन मूल्य से अधिक रेट पर धान खरीद रहे है, इसका पैसा कहां से आ रहा है? राइस मिलर इसकी भरपाई कैसे करेगा? मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर दर्ज दूर दराज जिलों के किसान कैसे फसल बेचने आ सकते है? जबकि वे करनाल की मंडियों में दिखाए जा रहे है। जबकि धरातल पर धान की फसल तक नहीं। ऐसे मामले असंध अनाज मंडी में सामने आ चुके है। फिर भी मामले की लीपापोती की जा रही है। आरोप है कि मंडियों में लगी लाइनों का फायदा उठाकर फर्जी धान कागजों में दिखाने का खेल कैसे हो रहा है? इसकी जांच कौन करेगा?
सस्पेंड जुंडला मंडी सचिव पवन चोपड़ा की फाइल फोटो।
CM फ्लाईंग को मिला था 12.77 करोड़ का धान गायब
धान की खरीद और स्टॉक के बीच मिली गड़बड़ियों ने महकमे में हड़कंप मचा दिया। CM फ्लाईंग की छापेमारी के दौरान खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया 12.77 करोड़ रुपए का धान गायब मिला। जिसके बाद विभाग के कर्मचारियों ने चार राइस फर्मों के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। लेकिन धान की रखवाली का जिम्मा थामे AFSO, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई से क्यों बचाया जा रहा है? सिर्फ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो मामले की जांच चल रही है, इसमें इंस्पेक्टरों व मंडी के कर्मचारियों की भूमिका होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।
राइस मिल में धान के स्टॉक की जांच करती CM फ्लाइंग टीम की फाइल फोटो।
अधिकारियों की सांठगांठ और सरकार को नुकसान
DFSC विभाग में कार्यरत AFSO जसबीर सिंह पर पहले भी कई आरोप लग चुके है, यहीं नहीं तत्कालीन इंस्पेक्टर जसबीर द्वारा पहले धान खरीद कर दिए गए राइस मिल डिफाल्टर हो चुके है। जिनके कारण सरकार को करीब 9 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। इस मामले में जांच अधिकारियों ने जांच में स्पष्ट तौर से लिखा था कि तत्कालीन इंस्पेक्टर जसबीर की लापरवाही की वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। यहीं नहीं करनाल अनाज मंडी के आढ़तियों ने जसबीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। बावजूद इसके उपरोक्त अधिकारी को खरीद कार्य में लगाने का उद्देश्य समझ से परे है। यहीं नहीं पिछले कई सालों से अधिकारी करनाल में ही कार्यरत हैं, ऐसा क्यों?
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के बावजूद भी गड़बड़ी
अब धान यूपी से भी नहीं आ रही है पहले गड़बड़ी यूपी के धान के मार्फत की जाती थी लेकिन अब अधिकारी समझ नहीं पा रहे है कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा होने के बाद भी कैसे खरीद एजेंसियों, मंडी के अधिकारी और राइस मिलर्स गड़बड़ करने में सफल हो रहे है। एक आढ़ती ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसकी खरीद प्रक्रिया पर पैनी नजर है। मंडियों में घोटाला तो चल रहा है, जो सामने होने के बाद भी जानबूझकर नहीं पकड़ा जा रहा। इसके पीछे कौन लोग है? सभी को जानकारी है। शासन और प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति का कार्य करते है।
क्या बोले DFSC
जब इस संबंध में DFSC अनिल कालड़ा ने बताया कि जुंडला मंडी से वीरवार शाम को इंस्पेक्टर गौरव को हटा दिया है। CM फ्लाइंग् द्वारा जो आरोपियों पर FIR दर्ज करवाई गई है। उसकी कॉपी को मुख्यालय भेज दिया है। विभाग की तरफ से जो भी आदेश आएंगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।