गन्ना क्रेशर को सील करने आए कृषि अधिकारी बंधक बनाए गए।
हरियाणा के यमुनानगर के बिलासपुर क्षेत्र में चल रहे गन्ना क्रेशरों को सील करने आए कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों ने बंधक बना लिया। किसानों ने चेतावनी दी कि कृषि अधिकारी सुधर जाएं अन्यथा किसानों के साथ दुर्व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। कुछ घंटे बाद अधिकारियों को रिहा किया गया।
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यमुनानगर में 250 गन्ना क्रेशर
बताया गया है कि यमुनानगर के बिलासपुर क्षेत्र में लगभग 15 वर्ष पहले से किसानों ने 250 के करीब गन्ना पिराई की चरखियां लगाई हुई है। इससे वे पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के किसानों का गन्ना खरीदते हैं और तुरंत भुगतान करते हैं।इससे किसानों को फायदा मिलता है। समय पर गेहूं बिजाई हो जाती है और आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है। सभी गन्ना क्रेशर वाले गुड़ के रेट को देखते हुए गन्ना की खरीद करते हैं। किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के अधिकारी उनको नाजायज तंग कर रहे हैं।
किसानों द्वारा बंधक बना कर बैठाया गया कृषि अधिकारी।
इनको बनाया गया बंधक
शुक्रवार को जिला जिला गन्ना अधिकारी डा. सूरजभान और कृषि विभाग के अधिकारी अपनी टीम के साथ बिलासपुर में गन्ना क्रेशरों को सील करने पहुंचे थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता सुभाष हरतोल, संदीप संखेड़ा, राहुल संधा और किसान नेता काशीराम पीरुवाला के नेतृत्व में इन अधिकारियों को वहां बंधक बना लिया।
किसान यूनियन जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने बताया कि जिन गन्ना क्रेशर मालिकों के लाइसेंस नहीं है और जो लाइसेंस रिन्यू नहीं हुए हैं, उनको 31 दिसंबर से पहले सरकार रिन्यू करें। गन्ना क्रेशर उद्योगों के साथ मजदूर और किसानों के परिवार जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी किसी भी गन्ना क्रेशर मालिक को नाजायज तंग न करें।
किसान को सताने वालों को नहीं बख्शेंगे
कृषि विभाग के कई अधिकारी अपना रोब झाड़ते हैं और किसानों की बेइज्जती करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिकारी सुधर जाएं अन्यथा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज तो बंधक बनाए हैं, अगर दोबारा किसानों को परेशान किया तो किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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