हरियाणा के यमुनानगर में शामलात भूमि को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के आवास से पहले ही रेाक लिया। गुस्साए किसानों ने मौके पर ही रोड जाम कर दिया। प्रशासन ने किसानों को समझाने के कई प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। शिक्षा मंत्री के रवैये पर भी किसानों ने रोष जताया ओर उनके आवास पर ही पड़ाव डालने की बात कही।
जगाधरी- पावंटा साहिब रोड जाम
यमुनानगर में गुरुवार को अग्रसेन चौक के पास सरस्वती स्कूल के सामने शिक्षा मंत्री के आवास से कुछ पहले जगाधरी- पावंटा साहिब रोड पर किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जाम लगा दिया। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह की चढूणी ने कहा कि आज हम पंचायत लेकर शिक्षा मंत्री के पास अपनी मांगों के बारे में बात करने के लिए पहुंचे थे। पहले ही मंत्रीजी को अल्टीमेटम दिया गया था। बावजूद इसके शिक्षा मंत्री और किसानों के बीच बातचीत नहीं हो पाई।इससे गुस्साए किसानों ने रोड जाम कर दिया।
किसानों से बातचीत करते गुरनाम सिंह चढ़नी।
मुस्तैद रहा प्रशासन
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद था और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद की गई थी। शिक्षा मंत्री के आवास पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। वहीं जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। किसानों से लगातार संपर्क बना कर रोड से हटाने के प्रयास किए, लेकिन गुस्साए किसानों ने अधिकारियों की कोई बात नहीं सुनी।
किसानों का कहना था कि वे लोग आज सरकार का विरोध करने नहीं, बल्कि पंचायत लेकर शिक्षा मंत्री जी के पास आए थे। यह हरियाणा की बहुत प्राचीन प्रथा है। हमारी मांग थी कि की शिक्षा मंत्री विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर किसानों के अधिकारों के लिए कानून पास करवाएं। जो जमीन किसानों की है, वह उन्हीं को दी जाए। वह सरकार उनसे न छीने।
मंत्री के व्यवहार से किसान दुखी
चढृनी ने कहा कि यही बातचीत करने के लिए आज शिक्षा मंत्री के आवास पर उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे, लेकिन शिक्षा मंत्री यहां पर नहीं मिले। उन्हें बहुत दुख है, क्योंकि इससे पहले भी कई बार शिक्षा मंत्री से मिलने की कोशिश की गई, लेकिन मंत्री जी या तो मिलना ही नहीं चाहते या उनके यहां आने से पहले ही भाग जाते हैं। किसानों का कहना है कि आज उनके आवास पर ही किसानों ने डेरा डाल दिया।