हवन व भंडारे के साथ प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न
एस• के• मित्तल
सफीदों, वेदाचार्य दंडी स्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज के पावन सानिध्य में नगर के ऐतिहासिक तीर्थ हंसराज डेरा खानसर तीर्थ बाबा हेतराम में भव्य दिव्य देव श्री गणेश, शिव परिवार, राम दरबार, विष्णु-लक्ष्मी, श्री कृष्ण, मां दुर्गा, मां सरस्वती व श्री हनुमान की प्रतीमाओं का सोमवार को अनावरण समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ। इस समारोह में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने शिरकत की।
सफीदों, वेदाचार्य दंडी स्वामी निगमबोध तीर्थ महाराज के पावन सानिध्य में नगर के ऐतिहासिक तीर्थ हंसराज डेरा खानसर तीर्थ बाबा हेतराम में भव्य दिव्य देव श्री गणेश, शिव परिवार, राम दरबार, विष्णु-लक्ष्मी, श्री कृष्ण, मां दुर्गा, मां सरस्वती व श्री हनुमान की प्रतीमाओं का सोमवार को अनावरण समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ। इस समारोह में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने शिरकत की।
इस मौके पर प्रसिद्ध समाजसेवी एवं रिटायर्ड चीफ इंजीनियर त्रिलोक चंद गर्ग, एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा, पूर्व आईएएस जगदीश चंद्र शर्मा व पूर्व पालिका प्रधान राकेश जैन विशेष रूप से मौजूद थे। इस अवसर पर पीठाधीश्वर महंत राजेश स्वरूप महाराज ने आए हुए अतिथियों को शॉल व स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया। विद्वानों व आचार्यों के सानिध्य में हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने शिव पूजा की तथा जलाभिषेक किया। उसके उपरांत अतिथियों व संत-महात्माओं ने मूर्तियों का अनावरण किया। अपने संबोधन में हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि उन्हे इस ऐतिहासिक तीर्थ पर आकर बड़ी खुशी का अहसास हुआ है। उनका मन व काया प्रसन्नचित व पवित्र हुई है। हरियाणा सरकार भी इस बात के लिए बधाई की पात्र है कि उन्होंने इस जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े इस कुरूक्षेत्र भूमि की इस हंसराज तीर्थ की सूध लेकर यहां का जिर्णोद्वार करवाया।
उन्होंने कहा कि इस तीर्थ शास्त्रों व पुराणों में वर्णन मिलता है। सफीदों क्षेत्र में अपने आप ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व है तथा कुरूक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आता है। भगवान का ही आशीर्वाद है किउन्हे यहां आकर शीश नवाने का मौका मिला। समारोह के दौरान विशाल हवन का आयोजन किया गया। हवन में असंख्य श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी आहुति डालकर क्षेत्र व समाज के सुख-शांति की कामना की। प्रतिमाओं का अनावरण, आरती व भोग के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।