हरियाणा के हिसार के उकलाना में चिलचिलाती धूप में गांव बिठमड़ा का एक परिवार गुरुवार को राज्य मंत्री अनूप धानक के निवास के बाहर धरने पर बैठ गया। परिवार को अपनी दो बेटियों की पढ़ाई की चिंता है और वे सरकार से नाराज है कि लंबे समय से बच्चों को छात्रवृति नहीं मिली है। बच्चे धरने पर भी किताब हाथ में लिए पढ़ते दिखाई दिए, जिससे वहां से गुजरने वालों को भी उनसे सहानुभूति हुई।
हिसार जिले के गांव बिठमड़ा निवासी सतीश जांगड़ा गुरुवार सुबह श्रम विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाकर अपनी बेटी मुस्कान और बेटे ईशांत के साथ उकलाना में राज्य मंत्री अनूप धानक के आवास के बाहर सांकेतिक धरने पर बैठ गया। बेटा ईशांत कक्षा-6 में और बेटी मुस्कान आठवीं की छात्रा है।
श्रम विभाग की अनदेखी पर रोष
सतीश जांगड़ा ने बताया कि वह मजदूरी करके परिवार का खर्च चला रहा है। उसका आरोप है कि श्रम विभाग की अनदेखी के चलते उनके बेटे बेटी को लंबे समय से छात्रवृति नहीं मिल रही है। वर्तमान में छात्रवृति के लगभग 24 हजार रुपए बकाया हैं। इस हालात में बच्चे भी परेशान हैं।
सतीश जांगड़ा के साथ उसके दोनों बच्चे ईशांत और मुस्कान भी चिलचिलाती धूप में बैठे हुए हैं। बच्चों में पढ़ने की ललक इतनी है कि एक बच्चा तो धरने पर भी किताबें लेकर पढ़ता रहा। वह स्कूल ड्रेस में धरने पर बैठा है।
कठोर कदम उठाने की चेतावनी
बताया गया है कि मंत्री अनूप धानक फिलहाल उकलाना में नहीं हैं। उनके स्टाफ ने परिवार को आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान करा कर जल्द बच्चों की छात्रवृति जारी करवाई जाएगी। इसके बावजूद सतीश धरने पर बैठा रहा। उसने कहा कि अभी धरना सांकेतिक है और उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वे कठोर कदम उठाएंगे। फिलहाल कोई अधिकारी समाचार लिखे जाने तक मौके पर नहीं पहुंचा था।